आगरा: संजलि हत्याकांड का खुलासा न होने पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मामले की जांच के लिए अपनी टीम के साथ मलपुरा के लालऊ गांव पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामशंकर कठेरिया को विरोध का सामना करना पड़ा। संजलि की मां अनीता ने मुआवजे का प्रस्ताव ठुकराते हुए हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने की मांग की है। हत्यारों की गिरफ्तारी न होने तक अनशन शुरू कर दिया। हत्याकांड का खुलासा न होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुर्दाबाद के नारे लगाए।
18 दिसंबर को मलपुरा के लालऊ में दसवीं की छात्रा संजलि को जिंदा जला दिया गया था। मामले की जांच के लिए रविवार दोपह 3.30 बजे परिजनों से मिलने पहुंचे एससी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामशंकर कठेरिया पर संजलि की मां बिफर पड़ी। उन्होंने कहा कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए। जिस बेरहमी से उसकी बेटी को जलाकर मारा गया, उसी तरह से उसके हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। अब तक हत्यारों के न पकड़े जाने और सांसद कठेरिया के न पहुंचने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक कहां थी सरकार और कहां हैं हत्यारे। बड़ी मुश्किल से वह शांत हुईं।
बाद में कठेरिया ने मौके पर ही अधिकारियों से इस मामले में अब तक की प्रगति और परिवार को सरकार की ओर से क्या सहायता मिल चुकी है, इसकी जानकारी की। आयोग की सदस्य डा. स्वराज विद्वान ने भी संजलि की मां और अन्य महिलाओं का पक्ष सुना।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के अलावा सपा, बसपा, रालोद, आम आदमी पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इधर, इस मामले में पुलिस की पड़ताल जारी है। कई लोगों से पूछताछ के साथ ही कुछ साक्ष्य जुटाए हैं।
अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कठेरिया ने कहा कि हमने अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस मामले के खुलासे के लिए अधिकारियों ने दो-तीन दिन का समय मांगा है। परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपये दिए जा रहे हैं। लक्ष्मीबाई योजना के तहत भी दस लाख रुपये और देने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है। सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है। बैठक में प्रदेश सरकार के सचिव भी आए थे। एडीजी अजय आनंद भी मौजूद रहे।
संजलि के परिजनों से मिलने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है। जनता का पुलिस के ऊपर से विश्वास उठ गया है। इसलिए संजलि हत्याकांड की सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। संजलि और योगेश के परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि संजलि हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस जिस दिशा में काम कर रही है, वह संतोषजनक नहीं है। पुलिस मामले को घुमा रही है। लोगों का कहना है कि परिजनों को ही फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।