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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री ओ पी राजभर ने शनिवार को कहा कि मैं सत्ता का स्वाद चखने के लिए नहीं आया हूं, गरीबों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए आया हूं। ये लड़ाई लडूं या भाजपा का गुलाम बनके रहूं? एक कार्यालय आज तक नहीं दिया। मैंने तो मन बनाया है कि आज इस मंच से मैं घोषणा करूं, आज मैं इस्तीफा देकर रहूंगा। राजभर ने कहा कि मेरा मन तो टूट गया है। ये (भाजपा) हिस्सा देना नहीं चाहती जब भी गरीब के सवाल पर हिस्से की बात करता हूं, ये मंदिर की बात करते हैं, मस्जिद की बात करते हैं, हिन्दू-मुस्लिम की बात करते हैं।

ओबीसी को आरक्षण का वादा कर मुकरी भाजपा

इससे पहले 23 अक्टूबर को लखनऊ में राजभर ने कहा था कि विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने पिछड़ों व अति पिछड़ों को 54 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन बाद में मुकर गए। भाजपा के लोग पिछड़ों और अति पिछड़ों से वोट लेना तो जानते हैं, लेकिन उनके हक एवं विकास के नाम पर मुंह फेर लेते हैं।

उन्होंने कहा लखनऊ जिले में साढ़े तीन लाख लोधी मतदाता हैं, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि फिर भी यहां से लोधी समाज का ना कोई विधायक है और ना ही दर्जा प्राप्त मंत्री। यही नहीं यहां के लोधी समाज को संगठन में भी भाजपा ने समुचित भागीदारी नहीं दी है। इतना ही नहीं राजभर ने कहा था कि प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तो 16 महीने लगातार शिवपाल यादव सुरक्षित रहे। अब जबकि शिवपाल ने संयुक्त मोर्चा बना लिया है तो वे असुरक्षित हो गये और सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी।

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