लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सियासत में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के परिवार में हर दिन एक अलग नजारा देखने को मिलता है। भले ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच में मनमुटाव और दूरियां हों, मगर इससे मुलायम सिंह पर कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। मुलायम सिंह शायद बेटे और भाई के बीच में किसी तरह के अंतर नहीं रखना चाहते, यही वजह है कि पिछले महीने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करने के बाद अब वह समाजवादी पार्टी से अलग होकर सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव के साथ पहली बार शुक्रवार को मंच पर नजर आए।
बता दें कि शिवपाल सिंह ने इसी साल अगस्त में समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाई है। दरअसल, राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर लखनऊ में शिवपाल और मुलायम एक साथ एक ही मंच पर दिखे। इस कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव ने युवाओं से लोहिया के सिद्धांतों-गलत के खिलाफ लड़ो, पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने हमें सिखाया है कि अगर हमारा बड़ा भाई कुछ भी गलत करता है, तो हमें उनका विरोध करना चाहिए। हालांकि, बाद में मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें अपने बड़े भाई का आशीर्वाद प्राप्त है।
शिवपाल यादव ने कहा कि राम मनोहर लोहिया की विरासत को आगे बढ़ाने की हमारी ज़िम्मेदारी है। अगर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) हमारे साथ हैं, तो हम देश में एक नई क्रांति शुरू करेंगे। हालांकि, अटकलों को खारिज करते हुए, उन्होंने बाद में कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करने का कोई सवाल नहीं उठता। शिवपाल यादव ने कहा कि हम लोहिया जी के विश्वासों, आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और सांप्रदायिक्ता के खिलाफ लड़ेंगे। हम किसी तरह से भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. हमारी लड़ाई भाजपा से है।
शिवपाल ने नेता जी को दिया यह ऑफर
मुलायम सिंह यादव को अपनी पार्टी से टिकट ऑफर करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) लोकसभा चुनाव हमारी टिकट पर लड़ेंगे। हमने फैसला लिया है कि वह जहां से लड़गें हम उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी नई गठित पार्टी समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का पहला सम्मेलन अगले महीने होगा। पार्टी के विस्तार के प्रयास अभी भी जारी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर 2019 के चुनाव में लड़ने के लिये तैयार है। मगर मैनपुरी को वह मुलायम सिंह के लिए छोड़ देंगे। बता दें कि शिवपाल यादव को अपने भतीजे अखिलेश यादव के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रभार संभालने के बाद समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था।