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देहरादून: शहर के वन अनुसंधान संस्थान परिसर में 50 हजार से ज्यादा लोगों के साथ आज सुबह योगासन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पुरातन भारतीय योग परंपरा इस संघर्षरत दुनिया को एकजुट करने वाली सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरी है। अंग्रेजों के जमाने में बने एफआरआई संस्थान की इमारत की पृष्ठभूमि में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि योग ने दुनिया को ‘‘रोग से निरोग’’ की राह दिखाई है और दुनिया भर में लोगों के जीवन को समृद्ध बना रहा है।

उन्होंने कहा, वास्तविकता यह है कि सेहत और तंदुरुस्ती की खोज में योग दिवस दुनिया के सबसे बड़े जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि लोगों का स्वस्थ होना शांतिपूर्ण विश्व की स्थापना के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देहरादून से डबलिन, शंघाई से शिकागो, जकार्ता से जोहानिसबर्ग , हिमालय की ऊंचाई से लेकर रेगिस्तान तक, योग दुनिया में लाखों जिन्दगियों को समृद्ध बना रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘योग समाज में एकरूपता लाता है जो राष्ट्रीय एकता का आधार बन सकता है।’’

नई दिल्ली: 21 जून को दुनियाभर में चौथा योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा भारत के लिए एक महान क्षण था क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव आने के मात्र तीन माह के भीतर इसके आयोजन का ऐलान कर दिया। महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को यह ऐलान किया कि 21 जून का दिन दुनिया में योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का दुनिया के लगभग सभी देशों ने समर्थन किया और दुनिया के 170 से ज्यादा देशों के लोग 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाते हैं और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लेते हैं। पूरे विश्व में इस दिन योग के फायदों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये योग प्रशिक्षण शिविर, योग प्रतियोगिता और सामूहिक योगाभ्यास किया जाता है। 21 जून के दिन को विश्व योग दिवस के लिए चुनने की भी एक खास वजह है।

दरअसल यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं। भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है।

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हजारों स्वयंसेवियों के साथ योगासन करेंगे। यह कार्यक्रम हिमालय की गोद में स्थापित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में आयोजित होगा। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री बुधवार रात देहरादून पहुंच गए। देहरादून पहुंचने पर उत्तराखंड के राज्यपाल के.के. पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मोदी रात को राज भवन में ठहरेंगे।

योग अच्छे स्वास्थ्य का पासपोर्ट: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस से पहले अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो डालकर संदेश दिया, योग सिर्फ शरीर को फिट रखने वाला अभ्यास नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य का पासपोर्ट है, फिटनेस और तंदरुस्ती की कुंजी है। मोदी ने कहा गया, योग केवल वह अभ्यास नहीं जो आप सुबह करते हैं। पूरी समझदारी और जागरूकता के साथ अपने दिनभर के क्रियाकलाप करना भी योग का ही रूप है। योगासन भारतीय ऋषियों द्वारा मानवजाति को दिए गए सबसे अनमोल उपहारों में से एक है। योग संयम और संतुलन का वादा करता है।

देहरादून: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को आरएएस के कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं। इसे लेकर कांग्रेस खेमे में बेचैनी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी माना कि प्रणब मर्खजी ने आरएसएस का न्यौता क्यों स्वीकर किया ये बात समझ से परे है। वहीं हरीश रावत ने आरएसएस पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक केंद्र की सरकार पर्दे के पीछे से आरएसएस ही केंद्र सरकार को चला रही है।

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि आरएसएस का असली चेहरा अब सबके सामने हैं। देश के लोकतांत्रिक परंपराओं, संविधानिक परंपराओं सभी पर आरएसएस ने प्रहार किया है। आरएसएस का सामाजिक और सांस्कृतिक मुखौटा अब उतर चुका है। उन्होंने आरएसएस को विशुद्ध रूप से राजनैतिक संस्था बताया और कहा,'अब तो साफ हो गया है, कि भाजपा फ्रेंचायजी होल्डर हैं और उनकी तरफ से सरकार चला रही है'। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी तो सिर्फ भाजपा के मुखौटा हैं, सत्ता तो संघ के ही हाथों में है।

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