देहरादून: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होने वाले कैडेट्स से संस्थान के गौरव को बनाए रखने का आह्वान किया। राष्ट्रपति कोविंद ने उत्तीर्ण हुए कैडेट से शनिवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत के कारण आदर्श बनकर उभरे देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत जैसे बेहतरीन पूर्व छात्रों की वजह से इस संस्थान को मिले प्रतिष्ठित दर्जे को बरकरार रखने में योगदान दें।
राष्ट्रपति ने जनरल रावत को एक असाधारण सैन्य प्रमुख बताते हुए कहा कि उनके असामयिक निधन से खाली हुए स्थान को कभी नहीं भरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनरल रावत के निधन के सदमे से देश अभी बाहर नहीं आया है। बतौर निरीक्षण अधिकारी पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "यदि रावत आज ‘‘हमारे साथ यहां होते, तो वह खुशी और गर्व के साथ पासिंग आउट परेड को देख रहे होते।'' भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ या सीडीएस जनरल रावत आईएमए के पूर्व छात्र थे। जनरल रावत को भी आईएमए में आयोजित आज के कार्यक्रम में शामिल होना था।
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 11 अन्य लोगों की जान चली गई। शुक्रवार को जनरल रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा संबंधी माहौल जटिल है। उन्होंने कहा, ‘‘शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना पर्याप्त नहीं है। सैन्य नेतृत्व के तौर पर आपको एक रणनीतिक सोच, परिस्थिति के अनुकूल ढलने में सक्षम स्वभाव और लचीलापन विकसित करना होगा, ताकि आप आगे आने वाली चुनौतियों से निपट सकें।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपका प्रशिक्षण आपको चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनाता है।''
भारत से कुल 319 कैडेट और अन्य मित्र देशों के 68 कैडेट ने अकादमी से स्नातक किया और उन्हें अधिकारियों के रूप में अपने-अपने देशों की सेनाओं में शामिल किया गया। उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक 45 और उसके बाद उत्तराखंड के 43 कैडेट को सेनाओं में शामिल किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे।