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चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार रात मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के मद्देनजर मंगलवार से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। मुख्य सचिव पी राम मोहन राव ने एक अधिसूचना में कहा कि इस अवधि में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन भी नहीं होगा। इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार बड़े दुख के साथ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सेल्वी जयललिता के सोमवार, पांच दिसंबर 2015 को रात साढ़े ग्यारह बजे निधन होने की घोषणा करती है। छह दिसंबर से सात दिनों का राजकीय शोक होगा, इस अवधि में सभी सरकारी भवनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस अवधि में आधिकारिक मनोरंजन भी नहीं होगा। सरकार ने राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिवसीय अवकाश की भी घोषणा की है। पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी जयललिता के सम्मान में कल सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की है।
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चेन्नई: पिछले तीन दशकों से तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण सितारा रहकर अपनी शर्तों पर राजनीति करने वाली जयललिता तमाम अड़चनों और भ्रष्टाचार के मामलों से झटके के बावजूद वापसी करने में सफल रहीं थीं। छठे और सातवें दशक में तमिल सिनेमा में अभिनय का जादू बिखेरनी वाली जयललिता अपने पथप्रदर्शक और सुपरस्टार एमजीआर की विरासत को संभालने के बाद 5 बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। राजनीति में तमाम झंझावतों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी बदौलत अपना मुकाम हासिल किया। कर्नाटक के मैसूर में एक ब्राह्मण परिवार में जयललिता का जन्म हुआ था। ब्राह्मण विरोधी मंच पर द्रविड़ आंदोलन के नेता अपने चिर प्रतिद्वंद्वी एम करूणानिधि से उनकी लंबी भिड़ंत हुयी। राजनीति में 1982 में आने के बाद औपचारिक तौर पर उनकी शुरुआत तब हुयी जब वह अन्नाद्रमुक में शामिल हुयीं। वर्ष 1987 में एम जी रामचंद्रन के निधन के बाद पार्टी को चलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गयी और उन्होंने व्यापक राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय दिया। भ्रष्टाचार के मामलों में 68 वर्षीय जयललिता को दो बार पद छोड़ना पड़ा लेकिन दोनों मौके पर वह नाटकीय तौर पर वापसी करने में सफल रहीं। नायिका के तौर पर जयललिता का सफर ‘वेन्निरा अदाई’ (द व्हाइट ड्रेस) से शुरू हुआ। राजनीति में उनकी शुरुआत 1982 में हुयी जिसके बाद एमजीआर ने उन्हें अगले साल प्रचार सचिव बना दिया। रामचंद्रन ने करिश्माई छवि की अदाकारा-राजनेता को 1984 में राज्यसभा सदस्य बनाया जिनके साथ उन्होंने 28 फिल्में की। 1984 के विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रभार का तब नेतृत्व किया जब अस्वस्थता के कारण प्रचार नहीं कर सके थे।
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चेन्नई: जयललिता के अत्यंत विश्वस्त रहे मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक ने पार्टी का नया नेता चुन लिया और देर रात राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मुख्यमंत्री के रूप में उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके अलावा 15 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. पन्नीरसेल्वम इससे पहले भी दो बार उस वक्त मुख्यमंत्री बने थे जब भ्रष्टाचार के मामलों के चलते जयललिता को पद से हटना पड़ा था। इससे पहले चेन्नई में पार्टी मुख्यालय में अन्नाद्रमुक के विधायकों की बैठक हुई और वहां पन्नीरसेल्वम को नया नेता चुना गया। इसी बीच तमिलनाडु के स्पीकर पी धनपाल ने राज्य के गवर्नर सी विद्यासागर राव से मुलाकात की। हालांकि इससे पहले सोमवार शाम को सूत्रों ने बताया था कि जयललिता पर इलाज का असर हो रहा है। लेकिन उसके कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने कहा कि उनकी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं दिखाई दे रहा। इससे पहले सोमवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल ने जब उनकी मृत्यु की गलत सूचना चला दी तो अपोलो अस्पताल के बाहर उनके समर्थक उग्र हो गए और हिंसा पर उतारू हो गए। इसके चलते पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भी भाजनी पड़ीं। अन्नाद्रमुक पार्टी मुख्यालय पर कुछ देर के लिए पार्टी झंडे को आधा झुका भी दिया गया था।
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चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार जे. जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया है। उनका शव जिस रास्ते से ले जाया रहा था, वहां समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। इस दौरान कई बार समर्थकों और पुलिस में झड़प देखने को मिली। पूरी चेन्नई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। रविवार रात जारी अपोलो अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में जयललिता को मृत घोषित किया गया। दिल का दौरा पड़ने के 24 घंटे बाद जयललिता के मृत होने की खबर आयी। रात 11.30 बजे जयललिता ने अंतिम सांस ली। रविवार शाम को जयललिता की तबीयत को लेकर विरोधाभासी बातें सामने आईं। एआईएडीएमके ने कहा कि जयललिता पर विशेषज्ञों द्वारा किए जा रहे उपचार का असर हो रहा है। जबकि इलाज कर रहे अपोलो अस्पताल ने कहा कि जयललिता की तबयीत बेहद नाजुक बनी हुई है। ये भी पढ़ें-तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का फिल्मी सफर भी है दिलचस्प! रविवार देर रात पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के विधायकों की अहम बैठक हुई। इस बैठक में पनीरसेल्वम भी मौजूद थे। पनीरसेल्वम को जयललिता का भरोसेमंद माना जाता है। इसके पहले जयललिता ने अपनी गैर-मौजूदगी में पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री का कार्यभार सौंपा था।
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