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चेन्‍नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार जे. जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया है। उनका शव जिस रास्ते से ले जाया रहा था, वहां समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। इस दौरान कई बार समर्थकों और पुलिस में झड़प देखने को मिली। पूरी चेन्नई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। रविवार रात जारी अपोलो अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में जयललिता को मृत घोषित किया गया। दिल का दौरा पड़ने के 24 घंटे बाद जयललिता के मृत होने की खबर आयी। रात 11.30 बजे जयललिता ने अंतिम सांस ली। रविवार शाम को जयललिता की तबीयत को लेकर विरोधाभासी बातें सामने आईं। एआईएडीएमके ने कहा कि जयललिता पर विशेषज्ञों द्वारा किए जा रहे उपचार का असर हो रहा है। जबकि इलाज कर रहे अपोलो अस्पताल ने कहा कि जयललिता की तबयीत बेहद नाजुक बनी हुई है। ये भी पढ़ें-तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का फिल्मी सफर भी है दिलचस्प! रविवार देर रात पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के विधायकों की अहम बैठक हुई। इस बैठक में पनीरसेल्वम भी मौजूद थे। पनीरसेल्वम को जयललिता का भरोसेमंद माना जाता है। इसके पहले जयललिता ने अपनी गैर-मौजूदगी में पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री का कार्यभार सौंपा था।

गौरतलब है कि जयललिता को रविवार शाम दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें सीसीयू में भर्ती कराया गया था। जयललिता गत 22 सितंबर से अस्पताल में भर्ती थीं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में उनकी सेहत में सुधार होना बताया गया। लेकिन दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें वेंटीलेटर और एक्मो प्रणाली पर रखा गया था। ये भी पढ़ें-तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में 10 बातें मुख्यमंत्री की तबीयत बिगड़ने की खबर पाकर अस्पताल के बाहर भारी संख्या में जयललिता के समर्थक मौजूद हैं और अस्पताल के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। अपनी मुख्यमंत्री की तबीयत के बारे में उड़ रही अफवाहों को लेकर समर्थकों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। इससे पहले जयललिता की नाजुक हालत को देखते हुए आज उनके उत्तराधिकारी का चयन करने के लिए एआईएडीएमके की आपात बैठक हुई जिसमें सभी विधायकों ने हिस्सा लिया। चर्चा है कि मुख्यमंत्री की कमान एक बार फिर से ओपी पनीरसेल्वम को सौंपी जा सकती है। पनीरसेल्वम जयललिता के वफादार बताए जाते हैं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि एआईएडीएमके के सभी विधायकों को एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए एक-एक कर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में बुलाया गया। जिस बयान पर विधायकों ने हस्ताक्षर किए उस पर लिखा है कि ओपी पनीरसेल्वम जयललिता के उत्तराधिकारी होंगे। जयललिता के स्वास्थ्य पर नजर रखने वाले लंदन के डॉक्टर ने आज कहा कि जयललिता की हालत ‘अत्यंत गंभीर’ है। डा. रिचर्ड बेले ने एक बयान में कहा कि दुर्भाग्य से और उनके स्वास्थ्य में जो सुधार हुआ था उसके बावजूद उनके अंतनिर्हित स्वास्थ्य की स्थिति का मतलब है कि आगे समस्या बने रहने का खतरा बना हुआ था। विशेषज्ञों की टीम द्वारा उनकी देखभाल की जा रही थी और वह अब अत्यंत आवश्यक जीवन रक्षक प्रणाली पर थीं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्ध सबसे उन्नत स्तर की जीवन रक्षक प्रणाली है जो ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ केंद्र अपनाएंगे। अपोलो चेन्नई में उपलब्ध यह प्रौद्योगिकी इस केंद्र की उच्च स्तर की विशेषज्ञता को प्रतिबिंबित करती है। पूरे समय मैडम को अपोलो और एम्स देखभाल टीम की ओर से असाधारण देखभाल मुहैया करायी गई है जो कि विश्व में किसी भी देश के बराबर है। रविवार शाम को दिल का दौरा पड़ने के बाद 68 वर्षीय जयललिता को एक्स्ट्राकोरपोरियल मैम्ब्रेन आक्सीजीनेशन (ईसीएमओ) पर रखा गया जो कि एक हृद्य को मदद करने वाला उपकरण है। कुछ समय से बीमार चल रही मुख्यमंत्री की सेहत में पिछले कुछ दिनों में सुधार देखा गया था लेकिन कल शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। उधर, केंद्र ने आज यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से विशेषज्ञों के एक दल को चेन्नई के अपोलो अस्पताल भेजा। स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने यहां बताया कि एम्स के चार विशेषज्ञ जल्द ही अपोलो अस्पताल पहुचेंगे। नड्डा ने कहा कि हम अपोलो और तमिलनाडु की सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। अपोलो अस्पताल ने आज सुबह एक ट्वीट में बताया कि चिकित्सक उनकी स्थिति पर करीबी निगाह रखे हुये हैं और अपनी ओर से ‘सर्वश्रेष्ठ’ करने का प्रयास कर रहे हैं। अपोलो अस्पताल के मुख्य संचालन अधिकारी डॉ. सुबैया विश्वनाथन ने जयललिता की हालत अचानक बिगड़ने की घोषणा करते हुए एक वक्तव्य में कहा कि उनका उपचार हृदयरोग विशेषज्ञों, पल्मोनोलॉजिस्ट और गंभीर स्थिति देखभाल विशेषज्ञों समेत विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक दल कर रहा है और स्थिति पर नजर रख रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता की सेहत में जल्द सुधार की कामना की और कहा कि वह एम्स के विशेषज्ञों के दल की देखरेख में हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम जयललिता की सेहत में जल्द सुधार की कामना करते हैं। एम्स के चिकित्सकों का एक दल उनकी देखभाल कर रहा है।’ नड्डा ने ट्वीट में लिखा, एम्स के चिकित्सक दो दिन पहले भी चेन्नई गए थे और आज भी चेन्नई में हैं। जयललिता की तबियत बिगड़ने के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव कल रात विमान द्वारा मुंबई से चेन्नई आये और अस्पताल पहुंचकर मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली। चौधरी विद्यासागर राव महाराष्ट्र के भी राज्यपाल हैं। केन्द्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन आज सुबह यहां हवाईअड्डे पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं ने जयललिता के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार की कामना की है और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बुखार और शरीर में पानी की कमी की शिकायत के बाद जयललिता को 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में यहां उनका श्वांस की समस्या तथा संक्रमण का भी इलाज किया गया।

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