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चेन्नई: जल्लीकट्टू के आयोजन की मांग को लेकर विभिन्न हलकों से उठ रही आवाजों के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने आज सांड को काबू में करने के इस खेल के आयोजन को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी। इस मुद्दों पर अन्नाद्रमुक की आलोचना को लेकर उन्होंने चिर-प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर जोरदार हमला बोला। पनीरसेल्वम ने कहा कि संप्रग सरकार के समय जारी अधिसूचना में सांड को करतब दिखाने वाले जानवरों की श्रेणी में शामिल किया गया था, जिसके बाद खेलों में इसके इस्तेमाल पर रोक लग गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि तब द्रमुक तत्कालीन सरकार की अहम सहयोगी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उनकी पूर्ववर्ती दिवंगत नेता जयललिता के दिखाये रास्ते पर आगे बढ़ रही है, जिन्होंने कावेरी विवाद और खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे मुद्दों पर तमिलनाडु के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं और तमिलनाडु सरकार अम्मा :जयललिता: के पद चिन्हों का अनुसरण करते हैं और हम जल्लीकट्टू का आयोजन सुनिश्चित करेंगे। हम इस मुद्दे से थोड़ा भी पीछे नहीं हटेंगे।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जे जयललिता की मौत की सीबीआई जांच या शीर्ष न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। पीठ ने इससे जुड़ी याचिकाओं पर कहा, ‘हम इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इस तरह का एक मामला पहले ही मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। याचिकाओं को खारिज किया जाता है।’ उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा सदस्य और निलंबित अन्नाद्रमुक नेता शशिकला पुष्पा के अलावा एक गैर-सरकारी संगठन की इसी मुद्दे पर दायर रिट याचिका को भी खारिज कर दिया। पुष्पा ने इस मुद्दे को लेकर 18 दिसंबर 2016 को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत ‘संदिग्ध’ थी क्योंकि उनकी तबीयत की वास्तविक स्थिति का खुलासा नहीं किया गया था, किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गयी थी, अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर की तस्वीरों में शव पर लेपन किया हुआ दिखता है और उनके अस्पताल में भर्ती कराये जाने से लेकर मृत्यु तक की सारी चीजों को ‘‘गोपनीय रखा गया।’’

चेन्नई: द्रमुक ने अपने कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन को पदोन्नत कर उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। स्टालिन को ऐसे वक्त पर यह पद दिया गया है जब पार्टी सुप्रीमो एम. करूणानिधि बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। द्रमुक की आम परिषद की बैठक में नियमों में जरूरी संशोधन कर 63 वर्षीय स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। करूणानिधि बैठक में उपस्थित नहीं थे। स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने संबंधी प्रस्ताव का समर्थन करने के बाद द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं महासचिव के. अनाबझागन ने बैठक में बताया कि कोषाध्यक्ष के अपने मौजूदा पद के साथ-साथ स्टालिन अब द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष भी होंगे। द्रमुक के 60 वर्ष से भी लंबे इतिहास में पहली बार ऐसे पद का सृजन किया गया है। अनाबझागन ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के पास पार्टी अध्यक्ष के सभी अधिकार होंगे। हालांकि पदक्रम में अध्यक्ष अभी भी शीर्ष पद रहेगा। कार्यकारी अध्यक्ष के पद को फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण पद के रूप में देखा जा रहा है जिसे करुणानिधि के स्वास्थ्य को देखते हुए सृजित किया गया है। हाल ही में द्रमुक सुप्रीमो को बीमार होने के कारण दो बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। पार्टी के संगठन सचिव एवं राज्यसभा सदस्य आरएस बराती ने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा और पार्टी के प्रधान सचिव दुरई मुरूगन ने भी इसका समर्थन किया।

चेन्‍नई: अन्नाद्रमुक के शीर्ष पद पर नियुक्त हुईं वीके शशिकला ने शनिवार को यहां पार्टी के महासचिव पद की औपचारिक रूप से जिम्मेदारी संभाल ली। इस मौके पर शशिकला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और इस दौरान वह भावुक भी हुईं। उन्‍होंने कहा कि अम्‍मा अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हमारी पार्टी अगले सौ सालों तक शासन में रहेगी। उन्‍होंने कहा कि मेरी जिंदगी अम्‍मा हैं। उन्‍होंने (जयललिता) ने 75 दिनों तक संघर्ष किया लेकिन ईश्‍वर ने उन्‍हें अपने पास बुला लिया। रोयापेत्ताह में यहां अन्नाद्रमुक मुख्यालय को इस मौके के लिए भव्‍य तौर पर सजाया गया और एमजीआर की मूर्ति के पास एक मंच बनाया गया। महासचिव पद की औपचारिक रूप से जिम्मेदारी संभालने से पहले शशिकला ने पार्टी संस्थापक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अन्नाद्रमुक प्रवक्ता के अनुसार, शशिकला ने आज सुबह पार्टी प्रमुख का पद औपचारिक रूप से संभाल लिया। महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से पहले नेताओं के स्मारकों पर श्रद्धांजलि देने की द्रविड़ राजनीतिक परंपरा को जारी रखते हुए शशिकला ने शुक्रवार शाम मरीना बीच जाकर एमजीआर स्मारक में जयललिता को उनके समाधि स्थल पर फूल चढाकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एमजी रामचंद्रन और द्रविड़ विचारक एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरै के स्मारकों पर भी फूल चढ़ाए। उन्होंने नम आंखों से उन्हें अन्नाद्रमुक महासचिव नियुक्त करने के पार्टी प्रस्ताव की एक प्रति समाधि स्थल पर रखी।

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