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मदुरै: तमिलनाडु में मदुरै जिले के अवानीपुरम में भारी सुरक्षा व्यव्स्था के बीच आज (रविवार) आयोजित किए गए जल्लीकट्टू कार्यक्रम में 36 लोग जख्मी हो गए जिनमें से एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। इसमें 900 से ज्यादा सांडों का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने कहा कि कार्यक्रम स्थल के पास लगाए गए चिकित्सा शिविर में सभी घायलों का इलाज किया जा रहा है। कार्यक्रम में सांडों को काबू करने वाले 700 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसे हजारों लोग देखने के लिए आए थे। इसका उद्घाटन औपचारिक तौर पर राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार और जिला कलेक्टर वीर राघव राव ने किया। कार्यक्रम स्थल पर जिला और पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे जिनमें पुलिस अधीक्षक भी शामिल थे। पुलिस ने कहा कि पारंपरिक ग्रामीण खेल के होने से पहले, राज्य सरकार द्वारा तय किए गए सभी एहतियाती उपाय किए गए थे जिनमें अनिवार्य तौर पर सांडों और प्रतिभागियों का चिकित्सक परीक्षण करना शामिल है। आमतौर पर जल्लीकट्टू पोंगल त्यौहार के मौके पर होता है।

चेन्नई: आखिरकार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद को लेकर बना हुआ सस्पेंस खत्म हुआ। एआईएडीएमके पार्टी ने शशिकला नटराजन को विधायक दल का नेता चुन लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने ही शशिकला का नाम सुझाया है। इसके साथ ही पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके ने रविवार को पोयस गार्डन में एक आंतरिक बैठक का आयोजन किया, जिसके बाद शशिकला के मुख्यमंत्री पद को संभालने के मामले पर फैसला लिया गया। बैठक में पार्टी महासचिव शशिकला के अलावा मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और कुछ वरिष्ठ नेता शामिल थे। हालांकि पार्टी के एक गुट का दावा है कि बैठक का यही एजेंडा था, वहीं कुछ सदस्यों ने इसे नकारते हुए कहा कि मीटिंग सरकार और पार्टी के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए की गई थी। गौरतलब है कि नटराजन विधानसभा की सदस्य नहीं है लेकिन पिछले साल दिसंबर में जयललिता के निधन के बाद जबसे उन्हें पार्टी प्रमुख बनाया गया, तब से ऐसा बहुत हद तक माना जा चुका था कि आने वाले वक्त में वह ही सीएम पद को संभालेंगी। बताया जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि 61 साल की नटराजन जो जयललिता की करीबी साथी थीं, वह मौजूदा सीएम पन्नीरसेल्वम की जगह लें क्योंकि पार्टी और सरकार के अलग अलग सत्ता केंद्र नहीं होने चाहिए।

चैन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम की कुर्सी खतरे में नज़र आ रही है। उनकी जगह एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। शशिकला राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की काफी करीबी सहयोगी थीं और उनके समर्थक भी इसी तर्क का हवाला देकर उन्हें मुख्यमंत्री पद का असली हकदार बता रहे हैं। मीडिया में सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला ने पार्टी के ज्यादातर अधिकार अपने हाथ में ले लिये। इसके बाद ये तय हुआ है कि उन्हें ही राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया जाए। शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबरों की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि इस पर अंतिम फैसला कल रविवार को पार्टी विधायकों की बैठक में लिया जाएगा। इसकी अधिकारिक घोषणा 8 या 9 फरवरी को होगी। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के तीन वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स से शुक्रवार को इस्तीफा देने के लिए कहा गया। बताया जाता है कि जिन लोगों से इस्तीफा मांगा गया है उनमें राज्य सरकार की मुख्य सलाहकार शीला बालाकृष्णन भी हैं।

चेन्नई: यहाँ के तट के पास तेल रिसाव होने के छह दिन बाद अलग अलग एजेंसियों के 2,000 से अधिक कर्मियों ने आज (शुक्रवार) सफाई अभियान तेज कर दिया। तटरक्षक का मानना है कि एन्नोर बंदरगाह में दो पोतों की टक्कर की जगह से गाद निकालने में कम से कम दस दिन लग सकते हैं। तटरक्षक पूर्वी क्षेत्र के महानिरीक्षक राजन बरगोत्रा ने सफाई अभियान का ब्यौरा देते हुए कहा कि जहाजरानी महानिदेशालय ने तेल रिसाव की घटना की जांच का आदेश दिया है। गत शनिवार को दो जहाजों के टकराने के बाद तेल रिसाव हुआ था। तेल रिसाव से समुद्री जीवन प्रभावित होने की खबरों के बीच बरगोत्रा ने घटना को ‘बड़ा हादसा लेकिन मामूली (तेल) रिसाव’ बताते हुए कहा कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट के करीब 34,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में तेल रिसाव हुआ। कामराजार बंदरगाह (पूर्व में एन्नोर बंदरगाह) के पास दस्ताने पहने स्वयंसेवक फावड़ों से गाद हटाने देखे गए। उन्होंने कहा, ‘एन्नोर बंदरगाह से महाबलीपुरम के बीच पूर्वी तट से करीब 72 किलोमीटर दूर तेल रिसाव हुआ। करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में गाद पैदा हो गयी और आरके नगर कुप्पम इलाके में करीब 250 मीटर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।’ बरगोत्रा ने बताया कि 72 किलोमीटर गाद हटा दिया गया और उपकरणों के जरिये पानी एवं तेल का 54 किलोलीटर मिश्रण हटा लिया गया। बरगोत्रा ने कहा, ‘जहाजरानी महानिदेशालय की जांच का आदेश दे दिया गया और उसके आधार पर हम पता लगा लेंगे कि घटना के दिन समुद्र में कितने तेल का रिसाव हुआ।’

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