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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस फरवरी में एक व्यक्ति की हत्या के सिलसिले में तमिलनाडु और पुडुचेरी में कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यालयों समेत 20 स्थानों की तलाशी ली। एनआईए ने एक बयान में बताया कि 16 मोबाइल फोन, 21 सिमकार्ड, तीन लैपटॉप, नौ हार्डडिस्क, सात मेमोरी कार्ड, 118 सीडी/डीवीडी, एक टैब, सात डायरियां, पीएफआई के दो बैनर और एक डीवीआर को जब्त किया गया।

एनआईए ने बताया कि उनके अलावा धारदार चाकू, दो लाख नकद भी तीन विभिन्न घरों से बरामद किये गये तथा करीब 100 अभियोजन योग्य दस्तावेज भी जब्त किये गये। एनआईए के अनुसार कुंबकोणम, तंजावुर, त्रिची (तमिलनाडु में सभी) और कराईकल (पुडुचेरी) में 20 स्थानों की तलाशी ली गई। इनमें गिरफ्तार किए गए और फरार आरोपियों के घर और पीएफआई के चार कार्यालय हैं।

चेन्नई: पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी को मद्रास हाईकोर्ट से झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी को केंद्रशासित प्रदेश की रोज़मर्रा की गतिविधियों में दखल देने का अधिकार नहीं है। मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उपराज्यपाल यानी एलजी के पास स्वतंत्र रूप से काम करने का भी अधिकार नहीं है। कांग्रेस विधायक के लक्ष्मीनारायणन के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फैसला दिया कि निर्वाचित सरकार के पास सेवा मामलों पर अधिकार है। साथ ही कोर्ट ने उपराज्यपाल की शक्तियों पर 2017 में केंद्र द्वारा दो स्पष्टीकरण आदेशों को रद्द कर दिया।

कांग्रेस नेता के वकील गांधीराजन ने कहा, 'अदालत ने कहा है कि वित्त, प्रशासन और सेवा मामलों में, वह (किरण बेदी) स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर सकती हैं, लेकिन मंत्रिपरिषद की सलाह पर परामर्श और कार्य कर सकती हैं।' दो साल पहले किरण बेदी द्वारा मांगी गई स्पष्टीकरण के जवाब में अपने दो आदेशों में केंद्र ने कहा था कि उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र रूप से कार्य करने की शक्तियां हैं और मंत्रियों की परिषद द्वारा बाध्य नहीं है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग की जांच पर रोक लगा दी है। अपोलो अस्पताल ने अरुमुघस्वामी आयोग पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। अस्पताल ने दावा किया था कि जांच दल पक्षपाती था। अस्पताल ने कहा कि इससे उसे अपूरणीय क्षति हो सकती थी इसलिए उसने जांच रोकने के लिए अदालत का रुख करने का निर्णय लिया।

बता दें कि चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में दिसंबर, 2016 में हुई जयललिता की मौत के कारणों की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार ने इस न्यायिक आयोग का गठन किया था। इससे पहले चार अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता की मौत के मामले में जारी न्‍यायिक जांच पर अपोलो अस्‍पताल की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। अपोलो अस्‍पताल ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में न्‍यायिक जांच पर स्‍टे लगाने की गुजारिश के साथ अपील दाखिल की थी।

मदुरै: मद्रास उच्च न्यायालय ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल ऐप टिकटॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटाया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियो के लिए नहीं होना चाहिए। उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस ऐप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।

न्यायमूर्ति एन किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार मामले की सुनवाई की। उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को मोबाइल ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। इस ऐप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है। इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि ऐसे ऐप के जरिए "अश्लील सामग्री" उपलब्ध करायी जा रही है।

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