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चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी की एक याचिका पर सोमवार को तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया। इस याचिका में अनुरोध किया गया है कि उसे अपनी बेटी की शादी के मद्देनजर छह महीने के साधारण अवकाश की उसकी याचिका पर दलील पेश करने के लिये व्यक्तिगत रूप से पक्ष रखने दिया जाए। नलिनी का यह आवेदन सोमवार को जब सुनवाई के लिए आई तो न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण और न्यायमूर्ति निर्मल कुमार की खंडपीठ ने अतिरिक्त सरकारी अभियोजक को इस पर जवाब देने के लिए 11 जून तक का समय दिया।

पीठ ने नलिनी को आवश्यकता पड़ने पर ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ही बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दाखिल इस आवेदन पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करने की छूट भी प्रदान कर दी। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका इस मांग के साथ दाखिल की जाती है कि किसी गिरफ्तार शख्स को अदालत के समक्ष लाया जाए और अदालत तय करे कि उसे गिरफ्तार करना वैध है या नहीं। नलिनी ने अपनी याचिका में दलील दी कि 27 साल से जेल म्रें बंद रहने के दौरान उसने एक भी साधारण अवकाश नहीं लिया है।

नलिनी ने दलील दी कि उसे अपनी बेटी हरिथ्रा उर्फ मेगरा की शादी के लिए कुछ बंदोबस्त करने हैं जो फिलहाल लंदन में अपने दादा-दादी के साथ रहती है। उसने सरकार और जेल अधिकारियों को यह निर्देश दिये जाने की मांग की है कि उसे अदालत में पेश किया जाए ताकि वह खुद अपना पक्ष रख सके। नलिनी को राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गयी थी। बाद में सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। इस मामले में छह अन्य लोग भी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

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