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थेनी (तमिलनाडु): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी वादे ‘न्याय’ पर पार्टी को घेरते हुए जानना चाहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों,दलितों के खिलाफ हिंसा और भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ न्याय कौन करेगा। मोदी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और बेईमानी खास दोस्त हैं लेकिन कभी कभार वे गलती से सच्चाई बयां कर जाते हैं। उन्होंने कहा,‘‘अब वे कह रहे हैं ‘अब होगा न्याय’भले ही वे इसकी मंशा नहीं रखते हों,उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने 60 वर्ष तक अन्याय किया है।’’

मोदी ने जानना चाहा, ‘‘मैं कांग्रेस पार्टी से जानना चाहूंगा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में न्याय कौन करेगा?’’ ‘‘...कौन दलित विरोधी दंगों के पीड़ितों के साथ न्याय करेगा,कौन एमजी रामचंद्रन जी की सरकार के साथ न्याय करेगा,जिसे कांग्रेस ने केवल इस लिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि एक परिवार को वे नेता पसंद नहीं थे।’’ उन्होंने कहा,‘‘...भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ न्याय कौन करेगा, जो भारत की सबसे खराब पर्यावरण आपदा थी।’’ प्रधानमंत्री ने इंगित किया कि इस प्रकार की अप्रिय घटनाएं कांग्रेस के शासन के दौरान हुईं।

चेन्नई: चेन्नई के एक प्रकाशक ने मंगलवार को कहा था कि एक चुनावी उड़नदस्ते ने राफेल रक्षा सौदे पर एस विजयन लिखित एक किताब की रिलीज पर रोक लगाई और किताब की सैकड़ों प्रतियां जब्त कर लीं। वहीं, मंगलवार की शाम जब राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू ने स्पष्ट किया कि न तो चुनाव आयोग और न ही उनके कार्यालय से ऐसे कोई निर्देश जारी किए गए हैं।

बता दें कि 46 पृष्ठों की की इस किताब का नाम 'राफेल: लॉन्ड्रिंग ऑफ दि नेशन' है। साहू ने कहा कि उन्होंने जिला चुनाव अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण देने के बाद प्रकाशक ने कहा कि किताब को भारती पुस्तकालय में रिलीज किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमने यह भी सुना है कि चुनाव आयोग ने एक विज्ञप्ति भी जारी की है जो यह कहती है कि किताब की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।' इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार और दि हिंदू के चेयरमैन एन राम आज एस विजयन द्वारा लिखी 'राफेल: दि स्कैम दैट रॉक्ड द नेशन' (राफेल : घोटाला जिसने देश को हिला दिया) नामक किताब का विमोचन करने वाले थे। एन राम खुद इस सौदे पर कई रिपोर्ट लिख चुके हैं।

चेन्नई: चुनाव अधिकारियों ने चेन्नई में राफेल रक्षा सौदे पर लिखी गई एक किताब की रिलीज पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने इसके पीछे आदर्श आचार संहिता का हवाला दिया है। वरिष्ठ पत्रकार और दि हिंदू के चेयरमैन एन राम आज एस विजयन द्वारा लिखी 'राफेल: दि स्कैम दैट रॉक्ड द नेशन' (राफेल : घोटाला जिसने देश को हिला दिया) नामक किताब का विमोचन करने वाले थे। एन राम खुद इस सौदे पर कई रिपोर्ट लिख चुके हैं। एस विजयन की इस किताब की रिलीज के लिए प्रकाशकों (भारती प्रकाशन) ने एक स्कूल से संपर्क किया था। लेकिन, स्कूल ने चुनाव आयोग द्वारा दर्शाई गई आपत्ति का हवाला देते हुए अनुमति देने से मना कर दिया। इसके बाद भारती प्रकाशन ने अपने कार्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। लेकिन, चुनाव अधिकारी वहां पहुंच गए और किताब की प्रतियां जब्त कर लीं।

जानकारी के अनुसार चुनाव अधिकारियों के एक उड़नदस्ते औक पुलिस ने किताब की 142 प्रतियां जब्त कीं। भारती प्रकाशन अब वकीलों से बात कर अदालत जाने का मन बना रहा है। प्रकाशन के संपादक पीके राजन ने इसे पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि किताब की रिलीज आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है।

चेन्नई: सीबीआई ने वक्फ बोर्ड कॉलेज में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में अन्नाद्रमुक के सांसद अनवर राजा के परिसरों सहित तमिलनाडु में चार जगहों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि छापेमारी गुरुवार को शुरू हुई और शुक्रवार की दोपहर तक जारी थी। एजेंसी ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के आदेश पर राजा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। राजा पर मदुरै के एमएसएस वक्फ बोर्ड कॉलेज में शिक्षण और शिक्षकेतर कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमतताएं बरतने का आरोप है। जनवरी में न्यायमूर्ति पी वेलमुरूगन ने सीबीआई को एक याचिका पर छह माह के अंदर एक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था।

इस याचिका में भी आरोप लगाया गया था कि तमिलनाडु के मंत्री नीलोफर कफील और राजा अनियमितताओं में शामिल थे। यह याचिका सरदार बाशा ने दाखिल की थी जिस पर अदालत ने आदेश जारी किया था। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि यूजीसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर और कालेज के प्रभारी महासचिव जमाल मोहिदीन द्वारा भारी भरकम धन राशि ले कर 30 से अधिक नियुक्तियां की गईं।

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