ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को एक आतंकी गिरोह के भंडाफोड़ की जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि इस गिरोह ने देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के इरादे से आतंकवादी हमला करने की कथित रूप से साजिश रची व इसके लिए धन की व्यवस्था और अन्य तैयारी की। आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी ने इस सिलसिले में शनिवार को तीन आरोपियों के चेन्नई और नागपट्टिनम जिले में स्थित परिसरों पर छापेमारी की। एनआईए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी विश्वसनीय सूचना मिली थी कि भारत और उसके बाहर रहकर आरोपियों ने आतंकवादी गिरोह अंसारूल्ला बनाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची और उसकी तैयारी की।

उसने कहा, ‘‘यह भी पता चला है कि आरोपियों और उसके साथियों ने भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के इरादे से आतंकवादी हमलों की साजिश रची और इसके लिए तैयारी की।’’

तिरुचिरापल्ली: तमिलनाडु के पेराम्बलुर जिले में एक सरकारी हाई स्कूल ने एचआईवी पॉजिटिव लड़के को दाखिला देने से इनकार कर दिया। इसके बाद तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के आदेश दिए। सूत्रों ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशक एस कनप्पन ने लड़के को दाखिला देने से इनकार करने के संबंध में जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। लड़के को करीब एक सप्ताह पहले पेराम्बलुर जिले के कोलाक्कनाथम के एक स्कूल में दाखिला लेने के लिए आने को कहा गया था, लेकिन बुधवार को उसे लौटा दिया गया। बुधवार को कहा कि स्कूल के शिक्षा निदेशक यह जानना चाहते हैं कि लड़के को दाखिला देने से क्यों इनकार कर दिया गया और स्कूल के प्रधानाध्यापक के़ कामराज तथा माता-पिता के बीच बैठक में क्या हुआ।

अकादमिक प्रदर्शन को लेकर हुआ था झगड़ा

बताया जा रहा है कि प्रधानाध्यापक और लड़के के परिजन के बीच छात्र को खराब अकादमिक प्रदर्शन के कारण दाखिला देने से इनकार करने को लेकर कथित तौर पर झगड़ा हुआ।

चेन्नई: रेस्तरां चेन 'सरवण भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काटने के लिए मंगलवार को सत्र अदालत में समर्पण कर दिया। राजगोपाल ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए न्यायालय से और समय मांगा था, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद उन्हें समर्पण करना पड़ा। वह एम्बुलेंस से अदालत पहुंचे। इसी मामले में दोषी जनार्धन भी एम्बुलेंस से अदालत पहुंचे। दोनों दोषियों के वकीलों की ओर से समर्पण संबंधी अर्जी मिलने के बाद अब दोनों को पुझाल केन्द्रीय कारागार भेजे जाने की संभावना है।

इससे पूर्व, आज दिन में न्यायमूर्ति एन. वी. रमण के नेतृत्व वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने स्वास्थ्य कारणों से समर्पण के लिए और वक्त देने की राजगोपाल की याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा कि मामले की अपील पर सुनवाई के दौरान उनकी बीमारी का मुद्दा नहीं उठाया गया था। राजगोपाल ने अक्टूबर 2001 में अपने होटल के एक कर्मचारी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि वह उसकी पत्नी से विवाह करना चाहता था।

नई दिल्ली: तमिलनाडु के छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट दिए जाने के राज्य विधानसभा के दो प्रस्तावों को खारिज करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) के सांसदों ने सोमवार को मामले में जवाब नहीं मिलने के बाद लोकसभा से बहिर्गमन किया। द्रमुक के टी.आर. बालू ने शून्यकाल में मामले को यह कहते हुए उठाया कि विधेयक को राज्य विधानसभा द्वारा अपनाया गया, लेकिन 27 महीने बाद केंद्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया।

कनार्टक में राजनीतिक संकट को लेकर सदन में हंगामे के बीच बालू ने कहा, “क्या हम केंद्र द्वारा शासित हैं? केंद्र ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव के मूल्य पर विचार नहीं किया।” बालू ने इस पर सरकार से जवाब मांगा। लेकिन जब सरकार ने इस पर जवाब नहीं दिया, तब सभी द्रमुक सांसद सदन से बहिर्गमन कर गए। तमिलनाडु विधानसभा ने प्रस्ताव को 2017 में पारित किया था।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख