नई दिल्ली: तमिलनाडु के छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट दिए जाने के राज्य विधानसभा के दो प्रस्तावों को खारिज करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) के सांसदों ने सोमवार को मामले में जवाब नहीं मिलने के बाद लोकसभा से बहिर्गमन किया। द्रमुक के टी.आर. बालू ने शून्यकाल में मामले को यह कहते हुए उठाया कि विधेयक को राज्य विधानसभा द्वारा अपनाया गया, लेकिन 27 महीने बाद केंद्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया।
कनार्टक में राजनीतिक संकट को लेकर सदन में हंगामे के बीच बालू ने कहा, “क्या हम केंद्र द्वारा शासित हैं? केंद्र ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव के मूल्य पर विचार नहीं किया।” बालू ने इस पर सरकार से जवाब मांगा। लेकिन जब सरकार ने इस पर जवाब नहीं दिया, तब सभी द्रमुक सांसद सदन से बहिर्गमन कर गए। तमिलनाडु विधानसभा ने प्रस्ताव को 2017 में पारित किया था।