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हैदराबाद: एनआईए ने हैदराबाद के पुराने शहर में बुधवार को कई जगहों पर छापेमारी के बाद आईएस से जुड़े होने के संदिग्ध एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया, जिसमें पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं एक आईटी पेशेवर समेत छह अन्य को हिरासत में लिया गया है। ये संदिग्ध शहर के कई इलाकों को बम धमाकों से दहलाना चाहते थे, इनके निशाने पर वीवीआईपी, मॉल्स, शॉपिंग सेंटर्स और चारमीनार के इलाके थे । ऐसी भी सूचना है कि वे लोग भाग्यलक्ष्मी मंदिर में गोमांस रखकर दंगा करना चाहते थे। बताया जाता है कि गिरफ्तार आरोपी नियमित तौर पर आईएस के हैंडलर शफी अरमर के संपर्क में थे। जांच एजेंसी लगातार इन युवकों पर नजर रखे हुए थी। एनआईए के एक सूत्र के अनुसार, दुबई से इनके लिए फंड भेजा जा चुका था। एजेंसी ने कहा कि तलाशी के बाद हिरासत में लिये गये लोगों में स्नातक तक की पढ़ाई कर चुके कुछ युवा भी हैं। एनआईए ने एक बयान में कहा, हमने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बाकी छह संदिग्धों से पूछताछ और उनकी भूमिका की पड़ताल जारी है। एनआईए और हैदराबाद पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों को उनके पास से 15 लाख रुपये नगदी के साथ हथियार, कारतूस, यूरिया, तेजाब, कुछ रसायन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली है। उन्होंने कहा कि ये युवक आईएस के अपने आकाओं के कहने पर काम कर रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, एनआईए ने कुछ संदिग्ध आतंकी गतिविधियों को लेकर छापेमारी की, जिन्हें शहर में अंजाम देने की साजिश थी।

हैदराबाद: केन्द्रीय कानून मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने आज (मंगलवार) कहा कि तेलंगाना के लिए नये हाईकोर्ट के गठन में केन्द्र की कोई भूमिका नहीं है। गौडा ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के इस आरोप को खारिज किया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस मुद्दे पर ‘असंवेदनशील’ है और राजनीतिक दबाव में इस मुद्दे को खींच रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार का रूख ‘अस्वीकार्य एवं बर्दाश्त से बाहर है।’ उन्होंने कहा कि नये हाईकोर्ट का गठन मुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के साझा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के हाथ में है। गौडा ने कहा, ‘यह हमारे हाथों में नहीं है। तेलंगाना के लिए नए हाईकोर्ट का गठन मुख्यमंत्री और उस हाईकोर्ट (आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के लिए यह साझा है, और जून 2014 में पूर्व राज्य के विभाजन के बाद जिसका विभाजन नहीं हुआ है) के मुख्य न्यायाधीश के हाथों में है।’ इससे पहले आज टीआरएस सांसद के. कविता ने आरोप लगाया कि आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद हाईकोर्ट के विभाजन के मुद्दे पर केन्द्र ‘असंवेदनशील’ है और उनके पिता एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव इसके खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन से भी नहीं हिचकेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के राजनीतिक दबाव में केन्द्र द्वारा इस मामले को खींचा जा रहा है।

हैदराबाद: हैदराबाद हाईकोर्ट ने अनुशासनहीनता के आधार पर मंगलवार को नौ और जजों को निलंबित कर दिया। इसके खिलाफ अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तेलंगाना में कार्यरत 300 से ज्यादा जज 15 दिन के लिए सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। वारंगल में प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट हॉल और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया। हाईकोर्ट ने सोमवार को भी दो जजों को निलंबित किया था। अब तक राज्य में 11 जज निलंबित किए जा चुके हैं। तेलंगाना जजेज एसोसिएशन के बैनर के तहत रविवार को सौ से अधिक जजों ने जुलूस निकाला था और राज्यपाल को जजों के अस्थायी आवंटन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था। वहीं दूसरी ओर, हैदराबाद हाईकोर्ट का कहना है कि वह जजों के प्रदर्शनों में शामिल होने और आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। आंध्र और तेलंगाना के बीच जजों के आवंटन के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। तेलंगाना के वकील और न्यायिक कर्मचारी आंध्र के न्यायिक अधिकारियों को तेलंगाना की कोर्ट में तैनाती का विरोध कर रहे हैं। दोनों राज्यों के बीच पानी, हैदराबाद में जमीन आदि को लेकर विवाद होता रहा है। हैदराबाद 2024 तक दोनों की राजधानी रहेगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का कहना है कि राज्य के जजों को न्याय दिलाने के लिए यह मुद्दा केंद्र से उठाएंगे। वहीं सूत्रों का कहना है कि राव सांसदों और विधायकों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर भी बैठक सकते हैं।

हैदराबाद: प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने कहा है कि केंद्र का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह थी। उन्होंने कहा कि यदि इस बारे में परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) से सलाह ली जाती तो वह सरकार को इससे बचने को कहता। एईसी परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अधीन आता है। एईसी देश में परमाणु ऊर्जा संबंधी गतिविधियां देखता है। एईसी के पूर्व प्रमुख श्रीनिवासन ने कहा कि एनएसजी की सदस्यता से भारत के परमाणु व्यापार पर कोई अंतर नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने रियेक्टरों और यूरेनियम की आपूर्ति के लिए दूसरों देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किया हुआ है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'भारत ने एनएसजी में प्रवेश को एक बड़ा मुद्दा बना दिया। यह बिल्कुल अनावश्यक था क्योंकि 2008 में मिली छूट से हम पहले ही परमाणु उन्नत देशों के साथ परमाणु व्यापार करने में सक्षम हैं और हम रियेक्टर परियोजनाओं के लिए पहले ही रूस, फ्रांस एवं अमेरिका से समझौते कर चुके हैं।' श्रीनिवासन ने कहा कि भारत ने कजाकिस्तान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों के साथ यूरेनियम की खरीद के लिए समझौता भी किया हुआ है।

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