ताज़ा खबरें
केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इंकार
गौतम अडानी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के आरोप, यूएस में मामला दर्ज

हैदराबाद: एमआईएम (ऑल इंडिया मजलिसे एत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को भाजपा पर समान नागरिक संहिता के नाम पर भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडा को लागू करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में असफल रही है। भाजपानीत सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर विधि आयोग से विचार मांगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरियां देने, गैस और केरोसिन के दाम को विनियमित करने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने में नाकाम रहने के बाद अब भाजपा आरएसएस के मुख्य एजेंडा 'हिंदू राष्ट्र' को लागू करने में जुट गई है। उन्होंने ताज्जुब जताते हुए कहा कि क्या सरकार धारा 371 को हटा सकती है जो मिजोरम और नागालैंड को सांस्कृतिक सुरक्षा व अधिकार देती है। उन्होंने पूछा कि हिंदू संयुक्त परिवार को कर छूट मिलती है। क्या आप उसे हटानेवाले हैं? सांसद ने कहा कि सरकार को संविधान के 16 निदेशक सिद्धांतों में से एक अल्कोहल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में कई बुराइयों की जड़ है और सड़क हादसे भी सबसे ज्यादा इसी के कारण होते हैं। ओवैसी ने इसके अलावा एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) द्वारा गिरफ्तार 5 युवाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने संबंधी बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उसे गलत ढंग से दिखाया।

हैदराबाद: एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी उन युवकों को कानूनी मदद मुहैया कराएगी जिन्हें एनआईए ने आईएसआईएस ISIS के कथित मॉड्यूल में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ओवैसी ने साथ ही स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आतंकवाद का समर्थन नहीं करती। ओवैसी ने कहा कि गिरफ्तार युवकों के परिवार के सदस्यों ने उनसे मुलाकात की और दावा किया कि वे बेगुनाह हैं। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने एक वरिष्ठ अधिवक्ता से उन्हें कानूनी सहायता मुहैया कराने के लिए कहा। उन्होंने यहां मक्का मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कल ये लड़के यदि दोषी नहीं पाये गए तो उन्हें उनका जीवन कौन लौटाएगा? हम आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। यदि कोई भारत पर हमला करता है तो हम सामने खड़े होंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि क्या एनआईए यह लिखित में दे सकता है कि वह संदिग्धों को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों को निलंबित करेगा यदि युवक दोषी नहीं पाये गए।

हैदराबाद: तेलंगाना की विभिन्न अदालतों और न्यायिक विभागों में काम करने वाले करीब 8,000 कर्मी शुक्रवार को राज्य में आंदोलनरत न्यायाधीशों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए बेमियादी हड़ताल पर चले गए, जिससे अदालतों का कामकाज ठप पड़ गया और मुकदमों में उलझे लोग असहाय नजर आए। हैदराबाद स्थित हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले सहित अन्य न्यायाधीशों ने आंदोलन कर्मियों एवं न्यायिक अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी ‘अवैध’ हड़ताल और अपना आंदोलन तुरंत खत्म करें और जनहित में अपने काम पर लौटें। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में भी चेतावनी दी गई कि यदि हड़ताल तुरंत नहीं रोकी गई तो उसे अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा ताकि वादियों-प्रतिवादियों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाई जा सके। इन कर्मियों नेहाई कोर्ट के बंटवारे और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों की अस्थायी नियुक्ति की सूची को वापस लेने सहित अन्य मांगें रखी हैं। अखिल भारतीय न्यायिक कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव बी लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि सभी 10 जिलों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। रेड्डी ने बताया, ‘आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों की नियुक्ति सूची को हम तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। हमारी मांग है कि हाई कोर्ट का बंटवारा होना चाहिए। हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

हैदराबाद: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि कल यहां गिरफ्तार किए गए पांच व्यक्तियों को पश्चिम एशिया स्थित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से भारत में आतंकी गतिविधियों की सजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए दिशानिर्देश मिल रहे थे। आईएस के साथ संलिप्तता वाले एक गुट से जुड़े होने के संदेह और बम हमले की साजिश रचने के आरोप में एनआईए द्वारा शहर से गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपियों को एनआईए ने भारी सुरक्षा घेरे में मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। न्यायाधीश ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि जांच एजेंसी ने और पूछताछ के लिए उनकी पुलिस हिरासत की मांग करते हुए एक याचिका दी थी। एनआईए की पुलिस हिरासत की मांग से जुड़ी याचिका पर आज सुनवाई की जा सकती है। आरोपियों को बाद में चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार भेज दिया गया। एनआईए ने यहां पुराने शहर के विभिन्न इलाकों में खोजबीन करने के बाद पांच युवकों को कल गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने हैदराबाद पुलिस की मदद से शहर में 10 स्थानों पर खोजबीन करने के बाद कल मोहम्मद इब्राहिम यजदानी उर्फ इब्बू, हबीब मोहम्मद उर्फ सर, मोहम्मद इलयास यजदानी, अब्दुल्ला बिन अहमद अल अमूदी और मुजफ्फर हुसैन रिजवान को गिरफ्तार किया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख