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चंडीगढ़: पंजाब में किसानों के संगठन द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" नाम का राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा किए जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्टीकरण दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की गई। इसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को होने वाली राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा।

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े 22 किसान संगठनों ने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है। इसका एलान किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने किया। हालांकि कृषि कानूनों के खिलाफ साझा तौर पर आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनके बैनर तले कोई चुनाव नहीं लड़ेगा। किसान मोर्चा ने यह भी कहा है कि कोई किसान संगठन या दल उनके नाम, पोस्टर या अन्य चीजों का इस्तेमाल चुनाव में न करे। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल पंजाब के कई किसान संगठनों ने अलग राय रखी है। इन किसान संगठनों ने किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई में चुनाव लड़ने का एलान किया है। उनकी पार्टी का नाम संयुक्त समाज मोर्चा रखा गया है।

ऐसी खबरें हैं कि जिन किसान संगठनों ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वो आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। हालांकि बलबीर सिंह राजेवाल ने इससे इंकार किया है। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में ये चुनाव मैदान में उतरेगी। खबरों में कहा गया है कि नई पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

चंडीगढ़: लुधियाना कोर्ट परिसर बम धमाके के बारे में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता में कहा कि आरोपी कोर्ट के रिकॉर्ड रूम को उड़ाना चाहता था ताकि उसके खिलाफ सभी सबूत नष्ट हो जाएं। डीजीपी ने कहा कि लुधियाना ब्लास्ट के पीछे नारकोटिक्स, आतंक और विदेशी नशा तस्करों के गठजोड़ है। मारा गया शख्स बम प्लांट कर रहा था। उन्होंने कहा कि बम धमाके का आरोपी गगनदीप सिंह नशा तस्करी में पकड़ा गया था। जेल में रहने के दौरान ही वह खालिस्तानियों के संपर्क में आया। अब तक की जांच में ब्लास्ट में गगनदीप अकेला शामिल था लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कुछ अन्य संदिग्ध भी नजर आए हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि हमने 24 घंटे में ये मामला सुलझाया। कपूरथला मामले में उन्होंने कहा कि कोई भी कानून अपने हाथ में न ले।

जांच एजेंसी ने घटनास्थल की जब बारीकी से जांच की तो वहां से टूटा मोबाइल फोन, सिम कार्ड और एक डोंगल मिला। इसकी जांच करने पर पुलिस को खन्ना के एक व्यक्ति का सुराग लगा।

चंडीगढ़: पंजाब के लुधियाना में एक अदालत परिसर विस्फोट में संदिग्ध हमलावर एक पूर्व पुलिसकर्मी उसके खिलाफ दर्ज एक ड्रग्स मामले रिकॉर्ड नष्ट करना चाहता था। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। विस्फोट में संदिग्ध गगनदीप सिंह की मौत हो गई। पूर्व हेड कांस्टेबल गगनदीप को ड्रग-तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे नौकरी से 2019 में बर्खास्त कर दिया गया और उसे सजा के तौर पर दो साल जेल में बिताए। इसके बाद सितंबर महीने में उसे जेल से रिहा कर दिया गया।

एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक, गगनदीप सिंह को उसके खिलाफ दर्ज ड्रग्स मामले में अदालत में पेश होना था। सूत्रों ने बताया कि उसने कोर्ट रिकॉर्ड रूम को नष्ट करने की योजना बनाई थी, जहां केस के कागजात रखे गए थे। साथ ही सूत्रों ने कहा कि पूर्व हेड कांस्टेबल कोर्ट के बाथरूम में बम को लगा रहा था, तभी इसमें विस्फोट हो गया। हालांकि, यह अभी तक पता नहीं चला है कि उसे आईईडी बनाने के लिए सामग्री कहां से मिली।

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