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चंडीगढ़: भाजपा में शामिल होने के ठीक छह दिन बाद, पंजाब के विधायक बलविंदर सिंह लाडी ने भगवा पार्टी से नाता तोड़ लिया और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। लाडी ने सोमवार को कहा कि वह रविवार की रात कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मौजूदगी में कांग्रेस में लौट आए।

श्री हरगोबिंदपुर के विधायक लाडी कादियां के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के साथ 28 दिसंबर को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। दोनों विधायक केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पंजाब प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए थे। उनके साथ ही मंगलवार को शिअद के पूर्व विधायक गुरतेज सिंह, कमल बख्शी, मधु, जगदीप सिंह धालीवाल, बूटा सिंह धालीवाल, जरनैल सिंह, प्रवीण देओल, प्रदीप सिंगला, विक्की मंगला, गुलशन कुमार, जगजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा और क्रिकेटर दिनेश मोंगिया भी भाजपा में शामिल हो गए था।

पटियाला: आम आदमी पार्टी (आप)के संयोजक और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शु्क्रवार को पंजाब के पटियाला शहर में शांति मार्च में हिस्‍सा लिया। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा, 'पंजाब में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं चुनाव से पहले पंजाब के दुश्मनों ने गंदी हरकत शुरू कर दी है। जिसने दरबार साहिब में बेअदबी की कोशिश की उसका मास्टरमाइंड अब तक नही पकड़ा गया, इसी तरह लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट का मास्टरमाइंड भी नहीं पकड़ा गया।

दिल्‍ली के सीएम ने कहा कि पिछले चुनाव में भी ब्लास्ट हुआ था लेकिन आज तक मास्टरमाइंड नहीं पकड़ा गया। अगर पंजाब इनके भरोसे छोड़ दिया तो यह पंजाब बर्बाद कर देंगे। अब हम सबको इकट्ठा होना होगा। केजरीवाल ने कहा कि 3 करोड़ पंजाबी मिलकर उन लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि हम पंजाब का माहौल नहीं बिगड़ने देंगे। अब पंजाब की सत्ता पंजाब के लोगों के हाथ मे देनी है। मौजूदा पंजाब सरकार से कमजोर आज तक कोई सरकार नहीं आई सब आपस में लड़ रहे हैं।

नई दिल्ली: पंजाब में विधान सभा चुनावों से पहले सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। उसके दो विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उनमें से एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रताप सिंह बाजवा के छोटे भाई फतेह जंग सिंह बाजवा हैं। फतेह सिंह बाजवा कादियां से विधायक हैं। अब इस निर्वाचन क्षेत्र में दोनों भाइयों के बीच चुनावी लड़ाई देखने को मिल सकती है। प्रताप बाजवा कथित तौर पर यहां से चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक हैं।

हाल ही में एक रैली में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने फतेह बाजवा को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था। हालांकि, उस घोषणा के तुरंत बाद, प्रताप सिंह बाजवा ने भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी भी उसी सीट पर दिलचस्पी है। सूत्रों का कहना है कि यह अनुमान लगाते हुए कि वह अपने बड़े भाई से चुनावी रेस हार सकते हैं, फतेह जंग बाजवा ने भाजपा में शामिल होने का विकल्प चुना है। भाजपा में शामिल होने वाले दूसरे कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह लड्डी हैं जो हरगोबिंदपुर से विधायक हैं।

नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की, ताकि उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस तथा भाजपा के बीच सीट बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। पंजाब में अगले साल की शुरुआत में ही होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कुछ ही हफ्ते पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी।

भाजपा के पंजाब प्रभारी तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं अकाली दल के पूर्व विधायक सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी बैठक में शिरकत की।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस गठबंधन में 'बड़े भाई' की भूमिका में रहना चाहती है और राज्य विधानसभा की 117 सीटों में लगभग 70 अपने पास रखना चाहती है। कैप्टन के दल को लगभग 30-35 सीटें दी जा सकती हैं, और ढींढसा की पार्टी को 10-15 सीटें।

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