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चंडीगढ़: लुधियाना कोर्ट परिसर बम धमाके के बारे में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता में कहा कि आरोपी कोर्ट के रिकॉर्ड रूम को उड़ाना चाहता था ताकि उसके खिलाफ सभी सबूत नष्ट हो जाएं। डीजीपी ने कहा कि लुधियाना ब्लास्ट के पीछे नारकोटिक्स, आतंक और विदेशी नशा तस्करों के गठजोड़ है। मारा गया शख्स बम प्लांट कर रहा था। उन्होंने कहा कि बम धमाके का आरोपी गगनदीप सिंह नशा तस्करी में पकड़ा गया था। जेल में रहने के दौरान ही वह खालिस्तानियों के संपर्क में आया। अब तक की जांच में ब्लास्ट में गगनदीप अकेला शामिल था लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कुछ अन्य संदिग्ध भी नजर आए हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि हमने 24 घंटे में ये मामला सुलझाया। कपूरथला मामले में उन्होंने कहा कि कोई भी कानून अपने हाथ में न ले।

जांच एजेंसी ने घटनास्थल की जब बारीकी से जांच की तो वहां से टूटा मोबाइल फोन, सिम कार्ड और एक डोंगल मिला। इसकी जांच करने पर पुलिस को खन्ना के एक व्यक्ति का सुराग लगा।

पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने गगनदीप के बारे में बताया। पुलिस गगनदीप के घर पहुंची और परिवार से पूछताछ की। घटनास्थल से मिले शव के हाथ पर एक धार्मिक निशान बना हुआ था। पुलिस ने जब परिजनों को शव की फोटो दिखाई तो परिजनों ने गगनदीप की पहचान कर ली।   

खालिस्तानी कट्टरपंथी सोच का था 


आस पड़ोस के लोगों ने बताया कि गगनदीप खालिस्तानी कट्टरपंथी सोच का था। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। एक महिला के साथ वह नशे की तस्करी में शामिल था। धार्मिक चिह्न को देखते ही आसपास के लोग पहचान गए कि मरने वाला युवक गगनदीप है। अब पुलिस जलालाबाद में हुए विस्फोट का लिंक भी खोज रही है।

घर के चारों तरफ लगा पहरा

सूत्रों के अनुसार गगनदीप सिंह का एक छोटा भाई भी है जो बिलकुल उसके जैसा ही दिखता है, लेकिन उसका कद छोटा है। सूत्रों के अनुसार गगनदीप के भाई रिंकू से भी पूछताछ की जा रही है क्योंकि वह भी नशा तस्करी में जेल काट चुका है और अभी कुछ समय पहले ही बाहर आया है। जानकारी के अनुसार दोनों भाई एक साल पहले किराए के मकान में रहते थे। फिर उन्होंने गुरु तेग बहादुर नगर में अपना मकान लिया। इसके बाद वे वहां से प्रोफेसर कॉलोनी में शिफ्ट हो गए जहां उन्होंने अपना मकान बनाया।

बस ड्राइवर थे पिता

गगनदीप के पिता अमरजीत सिंह गवर्नमेंट सर्विस से रिटायर हुए थे। वह बस ड्राइवर थे। दोनों भाइयों ने नशा तस्करी से खूब पैसा कमाया और प्रॉपर्टी बनाई। सूत्रों के अनुसार दोनों भाइयों ने एक नाइजीरियन नागरिक से मिलकर एक फार्मूला लिया जिससे वह ऐसी शराब तैयार करते थे जिसमें कम खर्च में ज्यादा प्रॉफिट होता था। वे हाई लेवल पर शराब की तस्करी करते थे। 

 

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