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चंडीगढ़: पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस यहां सत्ता बचाने के लिए हर दांव खेल रही है। कैप्टन अमेंरदर सिंह के इस्तीफे के बाद सबसे पहले दलितों को साधने की कोशिश की गई। चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का पहला दलित मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद अब पंजाब कैबिनेट ने अनारक्षित वर्गों के लिए राज्य सामान्य श्रेणी आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह आयोग विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के अलावा अनारक्षित वर्गों के हितों की रक्षा करेगा। आपको बता दें कि गुरुवार की शाम को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। सीएम चन्नी ने ट्वीट किया, "कैबिनेट ने अनारक्षित वर्गों के लिए पंजाब राज्य सामान्य श्रेणी आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यह आयोग विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के अलावा अनारक्षित वर्गों के हितों की रक्षा करेगा।"

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार यह आयोग अनारक्षित वर्ग के गरीबों के लाभ के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ अनारक्षित वर्गों के हितों की रक्षा के लिए एक लंबा सफर तय करेगा।

आपको बता दें कि सामान्य वर्ग (अनारक्षित वर्ग) के कर्मचारियों की लंबे समय से यह मांग थी। उनका कहना था कि उनके हितों की रक्षा नहीं की जा रही है। चन्नी कैबिनेट ने उनकी मांग मान ली और इस आयोग को मंजूरी दी है। कर्मचारियों ने गुजरात की तर्ज पर पंजाब में भी सामान्य श्रेणी आयोग का गठन करने का अनुरोध किया था।

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