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कोलकाता: लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते और बंगाल में भाजपा के बढ़ रहे जनाधार को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने और लोगों को खुद से जोड़ने के लिए एक नया कैंपेन शुरू किया है- 'दीदी के बोलो' यानी 'दीदी से बात करो या दीदी से कहो'। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कैंपेन के तहत एक नंबर जारी किया गया है, जिसके तहत लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।
इतना ही नहीं, टीएमसी ने एक वेबसाइट भी लॉन्च किया है, जिसके जरिए आम लोगों तक पहुंच बनाने और उनकी शिकायतों के निपटारे का काम किया जाएगा। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में 1.6 करोड़ परिवारों के कम से कम 80 फीसदी घरों तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से 'दीदी के बोलो' कैंपेन लॉन्च किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में टीएमसी के प्रदर्शऩ में गिरावट देखी गई है, यही वजह है कि टीएमसी विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहती।
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त हुए केसरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास अपने फैसलों को लागू करने की शक्ति और विजन है लेकिन उनकी तुष्टिकरण की नीति का राज्य के सामाजिक सद्भाव पर विपरीत असर हो रहा है। पांच साल के कार्यकाल के दौरान ममता और त्रिपाठी कई बार आमने सामने आए। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि ममता को बिना भेदभाव हर नागरिक को एक समान समझना चाहिए। उन्होंने सीएम को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और संयमित रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास विजन है, साथ ही अपने फैसलों को लागू कराने की उनमें क्षमता भी है लेकिन उन्हें संयमित भी रहना चाहिए। वह कई मौकों पर भावनात्मक हो जाती है, जिसे नियंत्रित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में बढ़ती हिंसा पर भी चिंता जताई और कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाना चाहिए।
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कोलकाता: यादवपुर विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार के निकट एक पूर्व छात्र ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के साथ कथित रूप से मार पीट की। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि ‘बंगाली विभाग’ के प्रोफेसर अब्दुल कैफी शुक्रवार दोपहर को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के पास चाय पी रहे थे तभी एक पूर्व छात्र ने उनके साथ कथित रूप से मारपीट की। छात्र की पहचान राजेश संतरा के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि कैफी जमीन पर गिर गए। उन्हें अन्य छात्रों और निकट खड़े लोगों ने बचाया। विश्वविद्यालय कर्मियों ने राजेश को पकड़ लिया और वे उसे मुख्य प्रशासनिक इमारत अरबिंदो भवन ले गए।
सूत्रों ने बताया कि राजेश ने विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को बाद में बताया कि जब वह विश्वविद्यालय का छात्र था, तब कैफी उसके साथ ‘‘कथित रूप से’’ भेदभाव करते थे। यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने शनिवार को कहा, ‘‘हम राजेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं जो लंबे समय से प्रोफेसर कैफी का पीछा कर रहा था और अंतत: उसने उन पर हमला कर दिया।’’
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए चुनाव लड़ने के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध करवाने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए दुनिया के 65 देशों की व्यवस्था का हवाला दिया जहां चुनाव लड़ने के लिए पार्टियों को केंद्र सरकार धन मुहैया कराती है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया बनर्जी ने 'भ्रष्टाचार और आपराधिकता को रोकने के लिए चुनावी सुधारपत्र' में लिखा है, 'समय आ गया है कि सरकार चुनाव के लिए धन मुहैया कराए जैसा कि 65 देशों में हो रहा है।'
पत्र में बनर्जी ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव में बेतहाशा चुनावी खर्च पर चिंता जताई है। ममता ने 2019 लोकसभा चुनाव के खर्चे को लेकर जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि यह दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव था। रिपोर्ट का हवाला देते हुए बनर्जी ने लिखा है कि साल 2019 के चुनाव का खर्च साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के खर्च का दोगुना है। इस चुनाव में कम से कम 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। ममता ने लिखा है कि इसकी ऊपरी सीमा पता ही नहीं है।
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