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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में उत्सव आयोजकों की एक शीर्ष संस्था दुर्गा पूजा समिति मंच को कर (टैक्स) का नोटिस जारी करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पूजा समितियों को आयकर के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए। चुनावों के दौरान हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति करने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वही लोग चुनावों के बाद दुर्गा पूजा आयोजकों से कर लेना चाह रहे हैं।

बनर्जी ने कहा कि चुनावों के दौरान, भाजपा हिंदू धर्म की बात करती है और इसके बाद वे दुर्गा पूजा के आयोजकों से आयकर इकट्टा करने का प्रयास कर रहे हैं। दुर्गा पूजा समितियों के मंच को आयकर नोटिस कथित रूप से पिछले सप्ताह भेजा गया है। बनर्जी ने कहा कि यह त्योहार एक सामाजिक समारोह है, न कि एक वाणिज्यिक, जबकि सरकार के कुछ सामाजिक दायित्व भी हैं।

उन्होंने पूछा कि दुर्गा पूजा समितियां आम लोगों से दान एकत्र करती हैं और प्रायोजकों को पूजा आयोजित करने के लिए भी कहती हैं। वे अपनी कमाई से ऐसा नहीं करते हैं। तो ऐसे में आईटी रिटर्न दाखिल करने का सवाल ही कहां है?

बनर्जी ने कहा कि मैं पूजा समितियों को आयकर के दायरे में लाए जाने के केंद्र के रूख की निंदा करती हूं। यह पूजा का अपमान है। यह कोई वाणिज्यिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि सामाजिक है और सरकार के सामाजिक दायित्व होते हैं। समाज के प्रति हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

दुर्गा पूजा समितियों के मंच को आयकर विभाग ने उत्सव के दौरान अपने खर्चों पर रिटर्न दाखिल करने को कहा है। ममता के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने दावा किया कि ममता को डर है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के नेतृत्व में इन समितियों के माध्यम से चिट फंड कंपनियों से लिया गया पैसा सामने आ सकता है।

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