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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में लोगों के समूह से सड़क की नाकेबंदी हटाने के लिए पुलिस के कथित लाठीचार्ज में रविवार को भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के सिर में चोट लग गई। सिंह ने दावा किया कि बैरकपुर पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने उन पर वार किया, जिससे उनके सिर पर चोट लगी। खून से सनी कमीज पहने और सिर पर पट्टी बांधे हुए सांसद ने कहा कि वर्मा एक पुलिस टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने श्यामनगर में भाजपा के पार्टी कार्यालय के कब्जे को लेकर पार्टी के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कार्रवाई की। हालांकि, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि कांकीनारा में दो समूहों के बीच एक झड़प के दौरान पथराव किये गये और सिंह को इसमें चोट लगी।

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि एक सड़क की नाकेबंदी करने वाली भीड़ ने पुलिस अधिकारियों के मौके पर पहुंचते ही उन पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और सड़क को खाली कराने के लिए लाठी चार्ज किया। श्यामनगर और कांकीनारा, दोनों ही इलाके बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आते हैं, जहां से सिंह सांसद हैं।

कोलकाता: बार-बार यह दोहराते हुए कि केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी असली भारतीय एनआरसी से बाहर नहीं रहे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि वह यह जानकर स्तब्ध हैं कि एक लाख से अधिक गोरखा लोग इस सूची से बाहर रह गये। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने इस बात पर बल दिया कि 'सभी भारतीय भाइयों और बहनों के साथ इंसाफ होना चाहिए। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में उन्होंने कहा, '' पहले मैं एनआरसी अस्त व्यस्तता से अनजान थी। जैसे जैसे और सूचनाएं आ रही हैं हम यह देखकर स्तब्ध हैं कि एक लाख से अधिक गोरखा लोगों के नाम सूची से बाहर हैं।

उन्होंने कहा, '' वाकई, हजारों-हजार असली भारतीयों के नाम सूची से बाहर रह गये हैं जिनमें सीआरपीएफ और अन्य जवान तथा पूर्व राष्ट्रपति फकरूद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्य भी हैं। अद्यतन राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) शनिवार को जारी किया गया जिसमें असम में असली भारतीय नागरिकों की पहचान की गयी है।

कोलकाता: देशभर में भीड़ हिंसा के मामलों को देखते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार भीड़ हिंसा को लेकर नया कानून बना रही है। आज इस विधेयक को बंगाल विधानसभा में पेश किया गया है। विधानसभा में पेश इस विधेयक में भीड़ हिंसा के खिलाफ सख्त प्रावधानों का प्रस्ताव पेश किया गया है। नए प्रावधान के तहत भीड़ को भड़काने वालों के लिए आजीवन कारावास की अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है। भीड़ हिंसा को लेकर कानून बनाने वाला राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य बन गया है।

इस कानून के तहत उन लोगों के लिए सजा का प्रावधान है जो भीड़ हिंसा की साजिश रचते हैं। साथ ही उन लोगों के लिए भी सजा का प्रावधान है जो भीड़ हिंसा में शामिल होते हैं। विधेयक में आजीवन कारावास और जुर्माने की अधिकतम सजा एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। ड्राफ्ट विधेयक के अनुसार धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, आहार व्यवहार, जातीयता या किसी अन्य आधार पर भीड़ द्वारा हिंसा को भीड़ हिंसा के रूप में वर्णित किया गया है।

कोलकाता: बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष पर कुछ लोगों ने शुक्रवार की सुबह हमला कर दिया। दिलीप घोष उस वक्त सुबह मॉर्निंग वॉक और चाय पे चर्चा पर निकले हुए थे। लेकिन, उन्हें चारों तरफ से कुछ लोगों ने घेर लिया और कथित तौर पर उनके ऊपर धावा बोल दिया। दिलीप घोष का कहना है कि उनके साथ दो बीजेपी समर्थकों को भी चोट आई है।

घटना के वक्त कुछ तृणमूल कांग्रेस के समर्थक भी वहां पर मौजूद थे। ऐसा पहली बार नहीं है जब बंगाल भाजपा अध्यक्ष पर हमला किया गया हो। सितंबर 2018 में पूर्वी मिदनापुर में उनके काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने हमला कर दिया था। इस घटना में हव घायल हो गए थे। उस घटना में उनके साथ पांच अन्य लोग भी घायल हो गए थे। अज्ञात लोगों ने उनकी कार को नुकसान पहुंचाया था।

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