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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (8 जून) को घोषणा की कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि 15 दिन और बढ़ाकर इसे 30 जून तक कर दिया गया है। पहले बंद 15 जून तक खत्म होना तय किया गया था। राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद उन्होंने कहा, “राज्य में बंद को 30 जून तक बढ़ाया जा रहा है, सभी मौजूदा रियायतें और शर्तें पूर्ववत रहेंगी। इससे पहले, हमने सामाजिक कार्यक्रमों जैसे विवाह या अंतिम संस्कार में 10 लोगों के शामिल होने को मंजूरी दी थी जिसकी सीमा अब बढ़ाकर 25 कर दी गई है।”

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में बंद की शर्तों में एक जून से ढील देते हुए प्रार्थना स्थलों को खोलने तथा जूट, चाय और निर्माण क्षेत्र में काम पूर्ण रूप से शुरू करने को मंजूरी दे दी थी। करीब दो महीने के बाद पश्चिम बंगाल में सोमवार को शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों ने अपनी सेवा शुरू की जिसकी इजाजत राज्य सरकार ने बंद में और ढील देते हुए दी है। सोमवार सुबह 8 बजे तक पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 449 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ, पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 8,187 तक पहुंच गए है।

कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से लॉकडाउन हटाने को लेकर सवाल पूछा है। कोर्ट ने दोनों सरकार को हलफाना दाखिल कर जवाब देने के लिए कहा है कि आखिर किसकी सलाह पर लॉकडाउन हटाया गया। चीफ जस्टिस थोटाथिल बी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित बेंच ने केंद्र और ममता सरकार से 11 जून तक इस मामले में जवाब देने के लिए कहा है। कोर्ट अधिवक्ता अनिद्या सुंदर दास की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पश्चिम बंगाल में पुलिस की देखरेख में बाजार, ऑफिस संचालन सहति अन्य चीजों की व्यवस्था की जाए इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि सरकार ने लोगों की जिंदगी दांव पर लगाकर सरकार ने लॉकडाउन में ढील दी है। साथ ही पश्चिम बंगाल के अधिकांश जिलों में व्यापक निगरानी नहीं होने का भी आरोप लगाया गया है। साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट से पश्चिम बंगाल में वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को सख्त निगरानी में रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

कोलकाता: देश में कोरोना लॉकडाउन के दो महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद अब इस चरणबद्ध तरीके से सरकार खोलने जा रही है। 1 जून से अनलॉक-1 के दौरान गृह मंत्रालय ने बंद पड़ी कई गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दे दी है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा से बंगाल इमाम एसोसिएशन ने असहमति जताई है।

बंगाल इमाम एसोसिएशन के चेयरमेन मोहम्मद याहया ने कहा, “एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री मैडम ने कहा था कि सभी धार्मिक स्थलों को 1 जून से खोल दिया जाएगा। हमारे पास इस बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं है इसलिए हम इस पर कोई स्पष्ट फैसले लेने में समर्थ हैं।” मोहम्मद याहया ने कहा, “हमारा ये सुझाव है कि अभी स्थिति भयानक है, इसलिए हमें वैसे ही नमाज जारी रखना चाहिए जैसे अभी कर रहे हैं। हम मस्जिद कमेटी और इमाम से यह अपील करते हैं कि फौरान मस्जिद के दरवाजे न खोलें। अगर मस्जिद एक महीने तक नहीं खुलेगी तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।”

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य के सभी धार्मिक स्थल 1 जून से खोल दिए जाएंगे। हालांकि एक बार में केवल 10 लोगों तक को ही वहां जाने की इजाजत दी जाएगी। गौरतलब है कि लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय व जूट उद्योग भी एक जून से 100 फीसदी कामगारों के साथ खुल जाएंगे। सभी सरकारी और निजी दफ्तर भी पूरी क्षमता के साथ खुल जाएंगे। अपने राज्य में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का विरोध करने वाली ममता बनर्जी ने कहा, 'पश्च‍िम बंगाल पिछले दो महीनों में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में कामयाब हुआ है। अब मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग बाहर से आ रहे हैं।'

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू हुए पहले लॉकडाउन के से ही देशभर में धार्मिक स्थल बंद हैं। उसके बाद से लॉकडाउन को तीन और चरणों के लिए बढ़ाया गया और साथ ही इन धार्मिक स्थलों पर भी पाबंदी जारी रही। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की है। 31 मई को लॉकडाउन-4 खत्म हो रहा है और इससे पहले ही गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से इसे लेकर राय ली।

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