नई दिल्ली: अम्फान चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल की मदद करने के लिए सेना तैयार हो गई है। दरअसल, दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रचंड चक्रवाती तूफान 'अम्फान' से हुए भारी नुकसान के बाद स्थिति को फिर से सामान्य करने के लिए शनिवार को सेना की सहायता और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) कर्मियों की तैनाती बढ़ाने की मांग की थी। भारतीय सेना ने कहा, "अम्फान चक्रवात से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के निवेदन पर कोलकाता नगर प्रशासन की सहायता के लिए सेना फाइव कॉलम्स उपलब्ध कराएगी।"
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने स्थिति को सामान्य करने के उद्देश्य से टीमों और उपकरणों की आपूर्ति करने के लिए भारतीय रेलवे, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट और निजी क्षेत्रों से भी सक्रिय समर्थन मांगा है। गत बुधवार (20 मई) को आए चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने दक्षिण पश्चिम बंगाल के कई जिलों और कोलकाता में भारी तबाही मचाई है।
पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान के कारण 85 लोगों की जान चली गई है। चक्रवात के कारण जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद, प्रशासन के तमाम अधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जुटे हुए हैं। राज्य में बुधवार (20 मई) को चक्रवात अम्फान के भीषण तबाही मचाने के बाद लाखों लोग बेघर हो गए, कई घर बर्बाद हो गए, हजारों पेड़ उखड़ गए और निचले इलाके जलमग्न हो गए।
ममता ने 26 मई तक श्रमिक विशेष ट्रेन राज्य में नहीं भेजने को कहा
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्रालय से चक्रवात 'अम्फान' के मद्देनजर 26 मई तक राज्य में श्रमिक विशेष ट्रेनों को नहीं भेजने को कहा है। राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की तरफ से रेलवे बोर्ड के प्रमुख वी के यादव को 22 मई को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य 20 और 21 मई को महा चक्रवात 'अम्फान' से बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे अवसंरचना को अत्यंत नुकसान हुआ है।
बंगाल सरकार के इस पत्र में कहा गया, ''चूंकि जिला प्रशासन राहत एवं पुनर्वास के कार्यों में व्यस्त है इसलिए अगले कुछ दिनों तक विशेष ट्रेनों के यहां पहुंचने पर उन पर ध्यान दे पाना संभव नहीं होगा। इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि 26 मई तक कोई भी ट्रेन पश्चिम बंगाल नहीं भेजी जाए।”