कोलकाता: देश में कोरोना लॉकडाउन के दो महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद अब इस चरणबद्ध तरीके से सरकार खोलने जा रही है। 1 जून से अनलॉक-1 के दौरान गृह मंत्रालय ने बंद पड़ी कई गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दे दी है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा से बंगाल इमाम एसोसिएशन ने असहमति जताई है।
बंगाल इमाम एसोसिएशन के चेयरमेन मोहम्मद याहया ने कहा, “एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री मैडम ने कहा था कि सभी धार्मिक स्थलों को 1 जून से खोल दिया जाएगा। हमारे पास इस बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं है इसलिए हम इस पर कोई स्पष्ट फैसले लेने में समर्थ हैं।” मोहम्मद याहया ने कहा, “हमारा ये सुझाव है कि अभी स्थिति भयानक है, इसलिए हमें वैसे ही नमाज जारी रखना चाहिए जैसे अभी कर रहे हैं। हम मस्जिद कमेटी और इमाम से यह अपील करते हैं कि फौरान मस्जिद के दरवाजे न खोलें। अगर मस्जिद एक महीने तक नहीं खुलेगी तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।”
पश्चिम बंगाल ने लॉकडाउन 15 जून तक बढ़ाया, एक जून से शर्तों के साथ कई छूट
पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को राज्य में और अधिक छूट तथा कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन की अवधि 15 जून तक बढ़ा दी।इसके साथ ही 1 जून से टीवी और फिल्म निर्माण संबंधी अंदरुनी और बाहरी गतिविधियों को अनुमति दी गई है लेकिन एक ही समय में कार्यरत यूनिट में 35 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं रहेगी। हालांकि, रियल्टी शो के निर्माण पर रोक बरकरार रहेगी। लॉकडाउन के 31 मई को समाप्त होने जा रहे चौथे चरण से पहले यह घोषणा की गई है।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को देश के निषिद्ध क्षेत्रों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि आठ जून से आतिथ्य सत्कार सेवाओं, होटलों और शॉपिंग मॉल को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति होगी। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, '' राज्य सरकार ने और दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है जो कि और अधिक छूट तथा शर्तों के साथ 15 जून तक प्रभावी रहेगा।''
इसके मुताबिक, ऐसा महसूस किया गया कि कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू रहे और साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए इन्हें दोबारा खोल दिया जाए। सरकारी आदेश में कहा गया कि विभाग और निजी प्रतिष्ठानों के मालिक सामाजिक दूरी के नियमों और स्वच्छता बनाए रखने का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें और अगर इसका उल्लंघन किया जाता है तो दी गई छूट को वापस लेने को मजबूर होना पड़ेगा।