कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की ओर से सार्वजनिक तौर पर कहे जाने के करीब छह माह बाद पश्चिम बंगाल सरकार के एक मंत्री ने भी इस दावे को दोहराया है कि माओवादी नेता मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी को वर्ष 2011 में ममता बनर्जी ने मरवाया था। हुगली के बालागढ़ में बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य के योजना मंत्री रचपाल सिंह ने कहा, 'टीवी और अखबारों के रिपोर्टर हमेशा किशनजी की बातें करते थे। उसे देखा भी जाता था, लेकिन पकड़ा नहीं जा रहा था।' रचपाल ने कहा, 'जब ममता राज्य की मुख्यमंत्री बनीं तो जानती थीं कि पुलिस अकेले दम पर उसे नहीं पकड़ सकती। इसलिए उन्होंने किशनजी के बारे में खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली और वह तीन माह में एक मुठभेड़ में मारा गया।'
ममता के मंत्री का यह बयान पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। सरकार हमेशा इस बात का दावा करती रही है कि किशन संयुक्त बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था, लेकिन रछपाल के बयान से ऐसा लग सकता है कि मुठभेड़ संभवत: 'फर्जी' थी। ममता के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी भी पिछले साल जुलाई में यही बात कह चुके हैं। बेलपहरी में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'ममता सरकार की बड़ी कामयाबियों में से एक यह है कि हमने किशनजी को मारा। यदि कोई हिंसा के लिए हथियार उठाएगा, तो उसका यही हश्र होगा। किसी को भी हथियार अपने देश की सुरक्षा के लिए उठाना चाहिए।' गौरतलब है कि प्रतिबंधित भाकपा (माले) का पोलित ब्यूरो सदस्य किशनजी पश्चिम बंगाल के लालगढ़ क्षेत्र में 2008 से माओवादी अभियान चला रहा था। वर्ष 2011 के पहले कई इंटरव्यू में उसने कहा था कि वह चाहता है कि ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनें। 24 नवंबर 2011 को पश्चिमी मिदनापुर के बरीसोल जंगलों में संयुक्त बलों के साथ मुठभेड़ में किशनजी को मार गिराया गया था।