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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। इसी बीच, सभी प्रमुख दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी जंग का दौर भी तेज हो गया है। विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और सत्ता पक्ष जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा रहे हैं। राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कुर्सी की वजह से राज्य के विकास के अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं।

लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, "पलटू राम तक ये कुर्सी पहुंचा देना। इसी कुर्सी की ख़ातिर बारम्बार उसने अपना आत्मसम्मान, स्वाभिमान, नीति, नियम, नियति, विचार, सिद्धांत और ज़मीर बेचा है।" लालू यादव ने अपनी पार्टी राजद का एक चुनावी वीडियो भी शेयर किया है।

पटना: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियां देने के वादे पर तंज करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि कुछ लोग बिना समझे ही नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि इसके नाम पर ये अपना अलग धंधा ही चालू कर दें। नीतीश कुमार ने गया के शेरघाटी और अतरी, औरंगाबाद के रफीगंज तथा जहानाबाद के घोसी में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए ये बातें कही।

कुमार ने कहा, ''कुछ लोगों को कुछ ज्ञान नहीं है और दावा कर रहे हैं कि इतनी नौकरियां देंगे। पैसा कहां से आएगा ?''  लोगों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा, ''और कहीं ऐसा न हो कि नौकरी देने के नाम पर अपना अलग ही काम धंधा चालू कर लें। कहने से कुछ होता है जी, करने का कुछ अनुभव हो, कुछ समझ हो तब ना।'' कुमार ने राजद नेता पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि 15 साल में जब मौका मिला था तब कितने लोगों को नौकरियां दी थी ?

पटना: बिहार में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राज्य की एनडीए सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न तो युवाओं को रोजगार दे सकी और न ही 15 वर्षों में कोई कल-कारखाना लगवा सकी। उन्होंने कहा कि  हमारी सरकार बनी तो 10 लाख नौजवानों को रोजगार देंगे। वृद्धावस्था पेंशन चार सौ से एक हजार रुपए की जाएगी। नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा। जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह का मानदेय बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूबे में अफसरशाही से आम जनता त्रस्त है। जनप्रतिनिधियों का कोई सम्मान नहीं है। जंगल राज की बात करने वाले के कार्यकाल में अपराध चरम पर है। 

उन्होंने कहा कि सूबे की बेरहम सरकार ने कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को सड़क पर पैदल चलने के लिए छोड़ दिया। कुछ लोग रास्ते में ही ट्रक-ट्रेन से कुचल गए और सरकार सोती रही। कहा कि डबल इंजन की सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं देती, सवा लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का क्या हुआ।

पटना: विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में पीछे नहीं हट रही हैं। इसी कड़ी में भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर सोमवार को एक ट्वीट किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि 1990 के दशक में लालू यादव के राज में बिहार में तैयार हुई एक भयानक डिक्शनरी! क से क्राइम, ख से से खतरा, ग से गोली... याद है ना? र से रंगदारी, ज से जंगलराज, द से दादागिरी। बिहार की जनता को इस डिक्शनरी के ज्ञान को न ही फिर से जानना है, न ही पढ़ना है।

भाजपा ने लालू प्रसाद की पार्टी 'राजद' का भी मतलब समझाया है। लालू राज में रा से रंगदारी, ज से जंगलराज और द से दादागिरी होता है। भाजपा ने कहा है कि बिहार की जनता को इस डिक्शनरी के ज्ञान को न ही फिर से जानना है, न ही पढ़ना है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार अपने चुनावी सभाओं में राजद और लालू प्रसाद पर लगातार हमला कर रह हैं। रविवार को ही सीएम ने कहा कि जंगल राज से मुक्ति दिला कानून का राज स्थापित कर बिहार को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम राजग ने किया है।

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