पटना: नीतीश कुमार ने जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़ा फैसला लिया है। नीतीश ने तय किया है कि बिहार के बाहर जदयू भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। जम्मू कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में जदयू अकेले लड़ेगी। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अनुसार, बिहार में वह एनडीए का हिस्सा रहेगी और भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में मुख्यमंत्री आवास पर हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए की विरोधी ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने का फैसला कर फिर से चर्चा में आए जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी मौजूद रहे। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रवक्ता केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और अन्य कई नेताओं की भी उपस्थिति रही।
बैठक के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू एनडीए के साथ ही काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि जेडीयू एनडीए गठबंधन से अलग चुनाव लड़ेगी। लेकिन जेडीयू एनडीए के साथ काम कर रही है और आगे भी काम करते रहेगी।
केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में एनडीए के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। और केंद्र में भी जेडीयू सरकार को बाहर से सपोर्ट करेगी, जैसा कि पिछले दो सालों से जेडीयू सरकार को सपोर्ट करते आ रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जेडीयू अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के साथ काम नहीं करेगी।
जेडीयू झारखंड में भी अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली में होनेवाली आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। उनका एनडीए से गठबंधन नहीं होगा।
जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक में 2020 में पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता पाने का लक्ष्य रखा गया है। और इसके तहत अब आगे का चुनाव लड़ा जाएगा।
मोदी सरकार-2 कैबिनेट में जदयू के शामिल नहीं होने के बाद से ही सियासी गलियारों में भाजपा-जदयू के बीच दूरी की हवा उड़ने लगी थी, जब जदयू को एक मंत्री पद का प्रस्ताव दिए जाने से नाराज नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में भागीदारी से मना कर दिया था।जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना था कि जो प्रस्ताव दिया गया था, वह स्वीकार्य नहीं था। इसलिए हमलोगों ने यह निर्णय लिया कि जदयू भविष्य में भी एनडीए केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा नहीं होगी। यह हमारा अंतिम निर्णय है।
नीतीश कैबिनेट विस्तार में भाजपा को जगह नहीं
नीतीश कुमार ने दो जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। इनमें सारे आठ मंत्री जदयू कोटे से बनाए गए, जबकि भाजपा से किसी नेता को शामिल नहीं किया गया। हालांकि कैबिनेट विस्तार के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू कोटे से मंत्री पद खाली थे, इसलिए जदयू नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी गई। भाजपा के साथ टकराव जैसा कोई मुद्दा नहीं है, सबकुछ ठीक है। वहीं, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई संशय नहीं है। नीतीश कुमार के साथ चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने खाली मंत्री पद भरने के लिए भाजपा को ऑफर दिया था, लेकिन हम इस पर बाद में फैसला लेंगे।
आम चुनाव के नतीजों के बाद पहली अहम बैठक
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई। पहले से ही तय था कि बैठक में मुख्य रूप से पार्टी संगठन के मुद्दों पर विचार होगा। लोकसभा चुनाव के बाद अब पार्टी की नजर अगले साल के विधानसभा चुनावों पर है। ऐसे में पार्टी लगातार संगठन विस्तार और इसकी मजबूती पर जोर दे रही है।
मालूम हो कि प्रशांत किशोर के टीएमसी प्रमुख ममता को समर्थन पर प्रतिक्रिया देने से नीतीश कुमार ने किनारा कर लिया था। शनिवार को उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर चुनावी अभियान में रणनीति बनाते हैं। उनकी कंपनी यह काम करती है। पार्टी को उनकी कंपनी के कार्यकलाप से कोई लेना देना नहीं है। प्रशांत को जो जिम्मेदारी जदयू से मिली है, उसे वो अपने ढंग से पूरा कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को ही स्पष्ट किया था कि रविवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे। आज की बैठक में प्रशांत मौजूद भी हैं।