मोहनपुर: राघोपुर के मोहनपुर में कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के कार्यारंभ के अवसर पर आयोजित समारोह में भाजपा के नेताओं को नहीं बुलाने की चर्चा आम थी। इन सब के बीच जब ये सवाल राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से पूछा गया तो वो कटाक्ष करते हुए बोल पड़े, उनलोगों की हिम्मत ही नहीं है कि मेरे सामने खड़े हो सकें। सब हारे हुए लोग हैं। विधानसभा चुनाव में बिहार की महान जनता ने सभी विरोधियों की हवा खराब कर दी। हाजीपुर के सांसद व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान और बिहार भाजपा के नेताओं को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किये जाने के संबंध में हुई कथित चर्चा पर प्रसाद ने कहा कि सबको कार्ड भेजा गया था। लालू ने कहा कि पूरी दुनिया में बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे की चर्चा हुई।
अब बाहर के लोग बिहारियों से सम्मान से पूछते हैं कि लालू और नीतीश के यहां से आए हैं। बिहारियों का कोई अपमान नहीं कर सकता। भाजपा के नेताओं का नाम लिये बिना कहा कि ये लोग कह रहे हैं कि सरकार नहीं चलेगी, लालू नहीं चलने देंगे। लेकिन मैं भरोसा देता हूं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बीस साल क्या जितने साल तक नीतीश चाहेंगे उतने साल तक वे मुख्यमंत्री रहेंगे। अब हम अखबार में बयान देते चलें। उन्होंने राज्य में शराबबंदी को लेकर कहा कि महिलाओं ने उनसे कहा कि बबूआ दारू बंद होए के चाही। दारू पीए से किडनी और लीवर खराब हो जाता है। शराबबंदी के मुद्दे पर मेरी नीतीश कुमार से बातचीत हुई थी। हम और नीतीश कुमार आपस में सलाह करके ही कुछ करते हैं। उन्होंने कहा कि हर घर में नल से पानी की सप्लाई की जाएगी। उसकी सारी योजना तैयार हो गई है। केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए प्रसाद ने कहा कि इंदिरा आवास और मनरेगा की राशि में भारी कटौती कर दी गई है। केन्द्र सरकार स्मार्ट सिटी बना रही है। बिहार के लोगों को स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट गांव चाहिए। गंगा में प्रदूषण की चर्चा करते हुए कहा कि गंगा माई नाले की तरह दिख रही हैं और नरेन्द्र मोदी नमामि गंगा अभियान चला रहे हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि जिस तरह से रेल मंत्री के रूप में रेलवे को चमकाया उसी तरह से वह और नीतीश कुमार बिहार को चमकाएंगे। पुल के निर्माण कार्य शुरू होने की चर्चा करते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं ने उनसे पूछा था कि सर आपका भी नाम शिलापप्त पर दे दें। मैंने साफ मना कर दिया। मैंने कहा कि हम तो हमेशा पत्थर पर ही रहे हैं। पत्थर पर नाम लिख देने से क्या होगा।