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छपरा: दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सम-विषम फॉर्मूले को 15 दिन के लिए लागू किया गया था और अब इसी तर्ज पर बिहार के सारण जिले के एक स्कूल का प्रयोग सामने आया है। हालांकि इस प्रयोग में थोड़ा सा ट्विस्ट है, इस जिले के एक स्कूल में पढ़ाई के लिए यह ऑड ईवन फॉर्मूला लागू है यानी एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियों की पढ़ाई होती है। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में सम-विषम के लागू होने से तीन साल पहले से इस स्कूल में यह नियम लागू हो चुका है। सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के कन्हौली उच्च विद्यालय में यह व्यवस्था पिछले तीन वर्षो से बदस्तूर जारी है। इस स्कूल में एक दिन छात्राएं और दूसरे दिन छात्र पढ़ने आते हैं। इस स्कूल में छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 3,281 है। इसमें उच्च विद्यालय के अलावा 11 वीं में 250 छात्रों की संख्या शामिल है, जबकि पढ़ाई के लिए मात्र 12 कमरे हैं।

यहां कुल शिक्षकों की संख्या 20 है। आंकड़ों के हिसाब से एक शिक्षक पर लगभग 150 छात्रों का दायित्व है। छह महीने पढ़ाई हो पाती है स्कूल प्रशासन भी इस व्यवस्था को गलत नहीं मानता है। स्कूल के प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश सिंह कहते हैं 'यहां जब से 11वीं की पढ़ाई को स्वीकृति मिली तब से लगातार भवन निर्माण और अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की जा रही है। लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण मजबूरी में यह व्यवस्था लागू की गई है।' स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस व्यवस्था को लेकर भले ही विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर समस्या आती हो लेकिन पाठ्यक्रम को लेकर कोई समस्या नहीं होती। इस व्यवस्था से साल में छात्र-छात्राओं की छह-छह महीने पढ़ाई हो पाती है।

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