पटना: बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने आज (मंगलवार) कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित है, और बिना कोई द्वेष या भेदभाव से कानूनी प्रावधानों का पालन करते हुए अपराध पर नियंत्रण तथा अपराधियों को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य सरकार की ओर से ठोस व्यवस्था लागू की गयी है । कोविंद यहां ऐतिहासिक गांधी मैदान में 67 वें गण्तंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन के बाद राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान हमारा मार्गदर्शक ग्रंथ रहा है और इसी के दायरे में हमारे देश का सर्वांगीण विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की प्रगति के लिए शांति-व्यवस्था एवं सदभाव का माहौल अति आवश्यक है।
राज्य में साम्प्रदायिक सछ्वाव और सामाजिक सौहार्द का वातावरण बना है और सभी वर्गों एवं सम्प्रदायों के बीच स्नेह, विश्वास एवं सामंजस्य कायम है। राज्यपाल ने बिहार में कानून-व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित है। बिना कोई द्वेष या भेदभाव से कानूनी प्रावधानाओं एवं वैधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपराध पर नियंत्रण तथा अपराधियों को निष्प्रभावी करने के लिए ठोस व्यवस्था लागू है। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध पर कड़ायी से अंकुश लगाया गया है और यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। कोविंद ने कहा कि भ्रष्टाचार देश एवं राज्य की प्रगति की सबसे बड़ी बाधा है। भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने के लिए बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार ने जीरो टाॠलरेंस की नीति अपनायी है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को नियत समय-सीमा के अंदर लोक शिकायत निवारण का अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2०15 को पारित कराया गया है। इसके तहत नागरिकों को अब उनकी शिकायतों पर सुनवाई एवं निवारण का मौका एक नियत समय-सीमा के अंदर मिल सकेगा तथा कृत कार्रवाई की सूचना भी उन्हे प्राप्त होगी। राज्यपाल ने कहा कि जो पदाधिकारी बिना किसी पर्याप्त कारण के निर्धारित समय-सीमा के अंदर लोक शिकायतों का निवारण करने में विफल रहेंगे , उन पर जुर्माना लगाया जायेगा तथा अनुशासनिक कार्रवाई भी की जा सकेगी । उन्होंने कहा कि इस संबंध में नियमावली को भी मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है और शीघ्र ही सभी तैयारी पूरी कर इसे लागू किया जायेगा। निगरानी विभाग, विशेष निगरानी इकाई एवं आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ प्रभावकारी मुहिम जारी है। विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत अवैध कारोबार से संपत्ति अर्जित करने वालों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। कोविंद ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रशासनिक तथा वित्तीय संरचना को स्थापित करते हुए विकास एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। सरकार के विशेष प्रयासों के कारण योजना आकार पिछले दस वर्षों में चार हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 57 हजार करोड़ रुपये का हो गया है। नीति आयोग के प्रकाशित आंकड़ों में वर्ष 2014 -15 के लिए बिहार को 17.06 प्रतिशत के साथ देश का सबसे तेज प्रगति करने वाला राज्य बताया गया है । वर्ष 2015-16 का बजट आकार एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य के कर संग्रहण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुयी है। राज्यपाल ने कहा कि बिहार सरकार ने सुशासन एवं न्याय के साथ विकास के लिए सार्थक प्रयास किये हैं, जिसके परिणामस्वरुप राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुयी है। उन्होंने कहा कि सरकार का मूल संकल्प राज्य का सर्वांगीण विकास है और विकास की इस यात्रा के क्रम में जो संकल्प राज्य सरकार ने पहले लिये थें, उन्हे पूरा किया गया है। कोविंद ने कृषि की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में कृषि के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए कृषि रोड मैप पर काम चल रहा है और इसमें सभी महत्वपूर्ण तत्वों को शामिल किया गया है, ताकि प्रथम हरित क्रांति से छूटे बिहार में इन्द्रधनुषी क्रांति लायी जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ उठाकर यहां के मेहनती किसानों ने राज्य में धान ,गेहूं और मक्का की उत्पादकता में अभूतपूर्व वृद्धि की जिसके कारण बिहार राष्ट्रीय औसत में आगे निकल गया। किसानों को लाभकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ उनकी उपज का वाजिब मूल्य भी दिलाया गया जिसके कारण उनकी माली हालत सुधरी है। राज्यपाल ने कहा कि बिहार सरकार ने मानव संसाधन की क्षमता संबर्द्धन के लिए शिखा पर शुरु से ही ध्यान केंद्रित किया है। सरकार ने बहुआयामी रणनीति के तहत नये प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने, नामांकन में वृद्धि लाने , कक्षाओं की संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की उपलब्धता एवं उपस्थिति सुनिश्चित करने, प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने, वंचित वर्गों को स्कूल में दाखिला कराने एवं लड़के -लड़कियों के बीच शिक्षा के अंतर को दूर करने के लिए अनेक उपाय किये गये है। कोविंद ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के क्रम में भी प्रयास शुरु कर दिये गये है। कुलपतियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में अकादमिक एवं परीक्षा एवं परीक्षा कैलेण्डर के परिपालन , विश्विवद्यालय के कार्यों में कम्प्यूटर के अधिक से अधिक प्रयोग, चयनित कालेजों को सेंटर आफ एक्सेलेंस के रुप में विकसित करने जैसे कार्यो को प्राथमिकता पूर्वक करने का निर्णय लिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार किया है। प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पताल को एक क्रियाशील स्वास्थ्य केन्द्र के रुप में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब स्वास्थ्य क्षेत्र में द्वितीय चरण के सुधार पर काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को विशिष्ट चिकत्सा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। इसके अलावा युवाओं की कौशल क्षमता के विकास के लिए बिहार कौशल विकास मिशन ने कार्य योजना को अंतिम रुप दे दिया है। कोविंद ने कहा कि बिहार में औद्योगीकरण को बढ़वा देने के लिए प्रगतिशील औद्योगिक प्रोत्साहन नीति.. का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। राज्य में आज 308 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन प्रारंभ हो गया है एवं 183 इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए विशेष राजय का दर्जा की मांग राज्य के 11 करोड़ लोगों की आकांक्षा की अभिव्यक्ति है। राज्य सरकार की यह मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक बिहार को उसका वाजिब हक नहीं मिल जाता। राज्यपाल ने कहा कि सरकार द्वारा विकसित बिहार के लिए सात निश्चय किये गये है उनमें पहला आर्थिक हल, युवाओं को बल दूसरा अवसर बढें, आगे पढ़ें तीसरा आरक्षित रोजगार-महिलाओं का अधिकार चौथा हर घर , नल का जल पांचवा शौचालय निर्माण- घर का सम्मान छठा हर घर बिजली लगातार.. और सातवां .. घर तक, पक्की गली-नालियां शामिल है जिन पर सरकार ने कार्य शुरु कर दिया है।