पटना: पटना में मेट्रो परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसके डीपीआर को मंजूरी दे दी गई। इस परियोजना की लागत 16 हजार 960 करोड़ आंकी गई है। इस पटना में राज्य सरकार साढ़े छह हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। शेष राशि जायका और एशियन डेवलपमेंट बैंक से सरकार लोन लेगी। मेट्रो परियोजना को वर्ष 2021 तक पूरा करने की समय सीमा तय की गई है। इसकी लंबाई 31 किलोमीटर होगी। राज्य सरकार ने पटना में गंगा किनारे दीघा से पटना सिटी तक अलग से मेट्रो दौड़ाने की योजना का प्रस्ताव तैयार करने पर भी सहमति दे दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने 51 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। इनमें प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 500 करोड़ और ओबीसी छात्र-छात्राओं के लिए प्रवेशिकोत्तर स्कॉलरशिप के लिए 139 करोड़ जारी करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। बिजली परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिजली कंपनी को 200 करोड़ और बिजली बोर्ड को वेतन- भत्ते के लिए 672 करोड़ रुपये दिए गए हैं। कैबिनेट सचिव उपेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि 2031 के मास्टर प्लान के अनुसार पटना शहर का क्षेत्रफल की लंबाई 1150 वर्ग किमी होगा।
पटना मेट्रो के दो कोरीडोर होंगे। पूर्व-पश्चिम कोरिडोर में दो भाग होंगी। पहला भाग दानापुर से मीठापुर वाया बेली रोड होगा। दूसरा भाग दीघा से हाईकोर्ट और विकास भावन तक होगा। इसी तरह उत्तर-दक्षिण कोरिडोर में स्टेशन से अंतर्राज्यीय बस स्टेंड तक मेट्रो दौड़ेगी। मीठापुर स्थित बाईपास चौक से दीदारगंज तक और मीठापुर स्थित बाईपास चौक से फुलवारीशरीफ तक मेट्रो दोड़ेगी। पहले फेज में इस्ट वेस्ट कोरीडोर में दानापुर से मीठापुर वाया बेली रोड और उत्तर दक्षिण कोरीडोर में पटना स्टेशन से अंतर्राज्यीय बस अड्डा तक मेट्रो दौडे़गी। पूर्व पश्चिम कोरीडोर की लंबाई 16.9 किमी होगी इसमें 5.9 किमी एलिवेटडे ट्रैक और 11.33 किमी भूमिगत ट्रेक होगा। 0.28 किमी सतह पर होगा। 14 स्टेशन होंगे। इसमें चार एलिवेटेड स्टेशन होंगे तो नौ भूमिगत होंगे। इसी तरह उत्तर-दक्षिण कोरीडोर की लंबाई 14.02 किमी होगी। इसमें 9.625 किमी एलिवेटेड ट्रैक और 4.575 किमी भूमिगत ट्रौक होगा। इस रूट पर 12 स्टेशन होंगे जिसमें नौ एलिवेटड और तीन भूमिगत होंगे।