ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

उज्जैन: खुद के रास्ते को दूसरों के रास्ते से सही मानने के भाव को पृथ्वी के तापक्रम में वृद्धि और आतंकवाद जैसी भीषण समस्याओं की जड़ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अंतरद्वन्द्व से जुड़े वैश्विक मसलों को हल करने में प्रतिनिधि भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इस मुल्क के लोगों में टकरावों के प्रबंधन की जन्मजात क्षमता है। मोदी ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले की पृष्ठभूमि में प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ’ के समापन समारोह में कहा, ‘दुनिया पृथ्वी के तापक्रम में वृद्धि और आतंकवाद की दो भीषण समस्याओं से जूझ रही है। इन समस्याओं के मूल में यह भाव है कि मेरा रास्ता तेरे रास्ते से सही है। यही भाव और विस्तारवाद दुनिया को टकराव के रास्ते पर धकेलता जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया टकरावों के समाधान के लिये बड़े.बड़े सेमिनार कर रही है। लेकिन उसे इनका हल नहीं मिल रहा है। लेकिन हम भारतीयों में टकरावों के प्रबंधन की जन्मजात क्षमता होती है। हम विश्व को रास्ता दिखा सकते हैं। हम हठवादिता से बंधे लोग नहीं हैं. हम अपने दर्शन की परंपराओं से बंधे लोग हैं।’ प्रधानमंत्री ने मिसाल देते हुए कहा, ‘हम भगवान राम की पूजा करते हैं जिन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया था, वहीं हम भक्त प्रहलाद की भी पूजा करते हैं जिन्होंने अपने पिता के आदेश का अनादर किया था।’

उज्जैन: सिंहस्थ कुंभ में आज (गुरूवार) यहां आव्हान अखाड़े के कुछ पदों के चुनाव के दौरान साधुओं के बीच हुए खूनी संघर्ष में छह साधु घायल हो गये। पुलिस ने इस मामले में दो साधुओं को गिरफ्तार भी किया है। कुछ तीर्थयात्रियों के मुताबिक, साधुओं के इस संघर्ष में उन्हें गोलियां चलने की आवाज भी सुनाई दी। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की और कहा कि वह इसकी जांच कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मनीष खत्री ने बताया कि संघर्ष में साधुओं द्वारा तेज धारदार त्रिशूल का भी प्रयोग किया गया। इससे गंभीर रूप से घायल चार साधुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि मामूली तौर पर चोटिल हुए दो साधुओं का अखाड़े में ही प्राथमिक उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में छह साधु राहुल पुरी (25), राजेश पुरी (62), भोला पुरी (70), सनातन पुरी (30), नगेन्द्र पुरी (40), और राघव पुरी (35) घायल हुए हैं। एएसपी ने बताया कि इस सिलसिले में दो साधुओं को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही संघर्ष के दौरान गोली चलने की सूचना की भी जांच की जा रही है।

उज्जैन: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा के सामाजिक समरसता स्नान कार्यक्रम के तहत बुधवार को यहां क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ पवित्र स्नान किया। राजनीतिक रूप से संवेदनशील उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के अहम माने जा रहे समरसता स्नान कार्यक्रम के तहत शाह एक माह तक चलने वाले हिन्दुओं के धार्मिक मेले सिंहस्थ कुंभ में शामिल होने आज इन्दौर से यहां पहुंचे और क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ स्नान किया। इसके बाद शाह ने दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ समरसता भोज कार्यक्रम के तहत भोजन भी ग्रहण किया। क्षिप्रा में स्नान करने के पहले भाजपा प्रमुख शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेता वाल्मीकि धाम में आयोजित ‘संत समागम’ में शामिल हुए। संत समागम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेन्द्र गिरी, जूना अखाड़ा पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी और वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर उमेश नाथ और अन्य साधु-संत भी मौजूद थे। इसके बाद सभी ने वाल्मीकि घाट पर स्नान (समरसता स्नान) किया। इस अवसर पर यहां संवाददाताओं से बातचीत में शाह ने कहा कि देश में भाजपा ऐसी संस्था है जो देश की संस्कृति को मजबूत करना चाहती है। हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज यह स्नान और महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि आज शंकराचार्य जी की जयंती है, जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की युवा आयु में ही हिन्दू धर्म को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया था।

उज्जैन: एक माह तक चलने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले का दूसरा शाही स्नान आज (सोमवार) तड़के शुरू हुआ। इस शाही स्नान की शुरूआत करते हुए जूना अखाड़ा के नागा बाबाओं ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए पवित्र शिप्रा नदी में प्रवेश किया। सूर्योदय के पहले से लेकर दोपहर बारह बजे तक साधुओं की शाही डुबकी के लिए रामघाट को तैयार किया गया है। स्नान में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब यहां उमड़ा हुआ है। यह स्नान अक्षय तृतीया के साथ पड़ने की वजह से और भी अधिक शुभ माना जा रहा है। सरकार के अनुसार, दूसरे स्नान के लिए लगभग 25 लाख श्रद्धालु इस प्राचीन शहर में आए हैं। स्नान की शुरूआत जूना अखड़ा के पुजारी हरि गिरी द्वारा रामघाट पर पूजा अर्चना के साथ हुई। सिंहस्थ मेले में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस पवित्र शहर में जुटे हैं। कुंभ के इस मेले का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। उज्जैन को देश में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और भगवान महाकालेश्वर का निवास भी माना जाता है। एक के बाद एक साधुओं के सभी 13 अखाड़े स्नान करेंगे। इसके लिए शिप्रा नदी के तटों पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस बार, मेला क्षेत्र में किन्नरों ने भी अपना अखाड़ा बनाया है और उन्होंने शहर में एक जुलूस भी निकाला।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख