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उज्जैन: उज्जैन सिंहस्थ में भारी बारिश और तूफान की वजह से पंडाल गिरने से सात लोगों की मौत हो गई है। जबकि 90 अन्य लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी 'पीटीआई' ने सात लोगों की मौत की पुष्टि की है। उज्जैन संभागायुक्त रविन्द्र पस्तौर का कहना है कि इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 90 घायल हो गए। वहीं, उंडासा क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंडाल गिरने की घटना उज्जैन के मंगलनाथ इलाके में हुई। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंहस्थ हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि श्रद्धालुओं की मौत की खबर अत्यधिक पीड़ादायक है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे। वहीं मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि वह कुंभ में सभी संतों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा की कामना करते हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिंहस्थ में हुई घटना को पीड़ादायी बताते हुए प्रत्येक मृतक के परिजन को दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल को 50,000 रुपये तथा अन्य घायल को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीएस चौहान ने बताया कि तेज हवाओं से मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के करीब 30 प्रतिशत अस्थाई तम्बू उखड़ गये हैं।

इंदौर: पुलिसकर्मियों की कम तनख्वाह को लेकर युवा कॉन्स्टेबल का मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायती लहजे में लिखा पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस कॉन्स्टेबल ने पुलिसकर्मियों के बेहद मुश्किल हालात में नौकरी करने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से गुहार की है कि पुलिस वालों की पगार बढ़ाकर इतनी कर दी जाए, जिससे वे कम से कम अपना परिवार पाल सकें। राज्य के बुरहानपुर जिले में तैनात सूरजसिंह चूंडावत (28) ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र को 21 अप्रैल को फेसबुक पर पोस्ट किया था। हिन्दी में लिखे गए इस पत्र को फेसबुक पर अब तक 900 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और इसे 250 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मैसेजिंग सेवा वाट्सऐप पर भी इस पत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। चूंडावत ने पत्र के पहले पैराग्राफ में हालांकि चौहान की तारीफ करते हुए लिखा है कि उन्होंने प्रदेश को समृद्ध और उन्नत बनाने के लिए काफी कुछ किया है। लेकिन अगले ही पैराग्राफ में वह मुख्यमंत्री पर सवाल भी दागा है। वे लिखते हैं, 'पर क्या पुलिस वाला होना कोई गुनाह है, जो हम सबसे कम सैलरी में सबसे ज्यादा काम करते हैं। हम घर-परिवार से दूर रहते हैं। आधे वक्त खाना नहीं खा पाते हैं।

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार और एसटीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापमं घोटाले में सीधे जुड़े लोगों को बचाने की नीयत से बड़ी संख्या में इस घोटाले में ठगे गये लोगों को आरोपी बनाकर जांच में रायता फैलाया गया है। उन्होंने सीबीआई से इस मामले में ठगे गये लोगों को सरकारी गवाह बनाकर चीटरों (ठगों) को पकड़ने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव ने शुक्रवार को सीबीआई कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'व्यापमं घोटाले में मध्यप्रदेश सरकार और एसटीएफ ने दलालों, स्कोरर, अधिकारियों और मंत्रियों को बचाने की नीयत से इस मामले में ठगे गये (मेडिकल कॉलेज और सरकारी भर्तियों में प्रवेश लेने वाले करीब 3,500 लोगों को आरोपी बनाकर जांच में रायता फैला दिया।' उन्होंने कहा कि अब इस मामले की जांच की रही सीबीआई को दलालों, स्कोरर और इनका साथ देने वाले सरकारी अधिकारियों को पकड़ने में ध्यान लगाना चाहिये। व्यापमं घोटाले की जांच में सीबीआई डायरेक्टर को लिखे अपने पत्र के संबंध में कुछ संदेहों का स्पष्टीकरण देने दिग्विजय सिंह सिंहस्थ के पहले शाही स्नान पर पवित्र क्षिप्रा नदी में शुक्रवार को सुबह डुबकी लगाने के बाद उज्जैन से सीधे यहां सीबीआई कार्यालय आए थे।

उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक और पौराणिक महत्व की नगरी उज्जैन में शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में लाखों नागा साधु-संतों के शाही स्नान की शुरूआत के साथ ही प्रत्येक बारह वर्षों के अंतराल में आयोजित होने वानी सिंहस्थ कुंभ प्रारंभ हो गया। क्षिप्रा नदी के तट पर महाकाल की नगरी उज्जैन में सुबह पांच बजे से दत्त अखाडा क्षेत्र में शैव संप्रदाय के नागा साधुओं के एकत्रित होने का क्रम शुरू हो गया। सबसे पहले नागा साधुओं ने क्षिप्रा नदी में डुबकियां लगायीं। इसके बाद जूना अखाड़ा के पीठाधीश स्वामी अवधेशानंद महाराज ने परंपरा के अनुरूप मंत्रोच्चारण के साथ डुबकी लगायी। सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच क्षिप्रा नदी के घाटों पर लाखों साधु संतों ने ढोल बाजों के साथ अत्यंत ही उत्साह भरे माहौल में डुबकियां लगायीं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री एवं सिंहस्थ के प्रभारी भूपेंद्र सिंह और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। महामंडेलश्वर स्वामी अवधेशानंद के स्नान के बाद विभिन्न अखाडों के साधु संतों के स्नान का क्रम दोपहर तक चलेगा। इसके साथ ही नौ किलोमीटर क्षेत्र में फैले विभिन्न घाटों पर देश विदेश से आए लाखों लोग भी डुबकियां लगाएंगे। इस तरह का आयोजन उज्जैन में प्रत्येक बारह वर्ष में आयोजित किया जाता है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिंहस्थ कुंभ का आयोजन 21 मई तक यानी एक माह तक चलेगा। इस दौरान दूसरा शाही स्नान नौ मई (अक्षय तृतीया) और तीसरा व अंतिम शाही स्नान 21 मई को प्रस्तावित है।

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