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मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना केसों में कमी के बीच राज्य सरकार ने प्रतिबंधों में राहत में का ऐलान किया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को कहा कि मुंबई सहित राज्य के 25 जिलों में प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया गया है, जहां कोरोना संक्रमण दर राज्य के औसत से कम है। उन्होंने यह भी कहा कि शनिवार को कुछ प्रतिबंधों के साथ अनलॉक होगा, लेकिन रविवार के दिन पहले की तरह प्रतिबंध जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कोविड टास्क फोर्स की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए टोपे ने कहा कि सरकार उन लोगों को लोकल ट्रेन में यात्रा की छूट देने पर विचार कर रही है, जो वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। टोपे ने कहा कि बचे हुए 11 जिलों में और अधिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जहां कोरोना संक्रमण दर अधिक है। टोपे ने कहा, ''हमने मुंबई सहित उन 25 जिलों में प्रतिबंधों में राहत देने का फैसला किया है, जहां कोरोना संक्रमण दर राज्य के औसत से काफी कम है।''

मुंबई: महाराष्ट्र रायगढ़ जिले में 11 तथा वर्धा और अकोला में दो-दो लोगों के शव मिलने के बाद महाराष्ट्र में वर्षाजनित हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सोमवार को 164 हो गई, जबकि 100 लोग अब भी लापता हैं। इस बीच, मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारी बारिश के कारण यहां के कुछ मार्गों पर ट्रेन यातायात बाधित होने के चार दिन बाद पड़ोसी जिलों.. ठाणे, नासिक और पुणे के थाल और भोर घाट क्षेत्रों में सभी रेल लाइन पर सेवाएं सोमवार की सुबह बहाल कर दी गईं। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि प्रभावित क्षेत्रों से अभी तक 2,29,074 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। उसने बताया कि अब तक रायगढ़ जिले में 71, सतारा में 41, रत्नागिरी में 21, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग, पुणे, वर्धा और अकोला में दो-दो लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य सरकार ने बयान में बताया कि इसके अलावा बारिश संबंधी घटनाओं में 56 लोग घायल हुए हैं, जबकि 100 लोग अब भी लापता हैं. रायगढ़ में 53, सतारा में 27, रत्नागिरी में 14, ठाणे में चार और सिंधुदुर्ग एवं कोल्हापुर में एक-एक व्यक्ति के लापता होने की खबर मिली है।

मुंबई: महाराष्ट्र के कई जिलों में मूसलाधार बारिश के बाद हालात बहुत खराब हो गए हैं। कई जिलों में लोग अपने जलमग्न घरों की छतों पर फंसे हैं, उन्हें वहां से निकालना मुश्किल हो गया है। क्योंकि दो नेशनल हाइवे और उनसे जुड़ी कई मुख्य सड़क बंद हो गये हैं। जिसकी वजह से उन तक राहत पहुंचना मुश्किल हो रहा है। बारिश की वजह से करीब 138 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग अभी लापता हैं। सांगली जिले के सांगलीवाड़ी गांव के बाहर सड़क से भयावह दृश्य दिख रहे हैं, जिनके देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने खराब हैं।

वहीं, मदद के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे लोग अपने घरों की छत पर फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि साल 2019 की बाढ़ जैसे गंभीर हालात नहीं हैं, लेकिन यह चिंताजनक है कि कल से बारिश ना होने के बाद भी पानी का स्तर कम नहीं हो रहा है। सांगली का कसबेदीराज गांव जलमग्न है। अधिकांश गांव को खाली करा लिया गया है और पास के एक कॉलेज में एक राहत शिविर बनाया गया है। कृष्णा और वरना नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से लोग बुरी फंस गए हैं। मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के महाड में कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ है। तीन जगहों पर भूस्खलन होने से कई घर दब गए हैं, जिसमें 36 लोगों की मौत हुई है। यहां के तलई में 32 लोगों की मौत हुई है और साखर सुतार वाड़ी में चार लोगों की मौत हुई है। दोनों जगहों पर करीब 15 लोगों को बचाया गया है। वहीं 30-35 लोगों की अभी भी तलाश जारी है।

महाड में सावित्री नदी खतरे के निशान से ऊपर बहकर सब कुछ डुबा रही है। महाड और खेड में एनडीआरएफ और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी। अब बचाव के लिए नौसेना की टीम भी मदद कर रही है। महाड से थोड़ा पहले दासगांव, टोल नाके के पास नौसेना की टीम अपने साथ लाए बोट पानी में उतारकर मदद कर रही है। इसके आगे सड़क पर भी पानी भरा है। वहीं फिलहाल रातभर से बारिश रुकी होने की वजह से रत्नागिरी के खेड़ में जहां बाढ़ का पानी जमा हुआ था, वह अब उतरने लगा है। चिपलूण में अब भी पानी भरा है। हजारों लोग अब भी फंसे हैं।

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