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मुंंबई: भीमा कोरेगांव मामले में सोशल एक्टिविस्‍ट सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। मामले पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हुई। इस दौरान सुधा के वकील और एडीशनल सॉलिसटर जनरल ने अपना पक्ष रखा। सुधा के वकील युग चौधरी ने जिरह करते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय है और यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला था। महाराष्ट्र पुलिस 2 साल से जांच कर रही थी लेकिन एनआईए ने मामले को एनआईए अधिनियम की धारा 6(5) के तहत अपने पास ले लिया। जबकि राज्य सरकार ने अपनी ओर से खुद नहीं दिया था।

एनआईए अधिनियम की धारा 19 के तहत मामलों को तेजी से ट्रैक किया जाता है। यूएपीए की 13 के तहत अपराध एक मजिस्ट्रेट अदालत में जा सकता है, लेकिन यूएपीए धारा 29 एक मजिस्ट्रेट की शक्ति के बारे में विचार-विमर्श करती है और कहती है कि एक मजिस्ट्रेट की अदालत 3 साल से अधिक की सजा नहीं दे सकती है। विभिन्न अपराधों के लिए एक ही धारा से निपटने के दौरान राज्य पुलिस और एनआईए के बीच अंतर क्यों होना चाहिए। यूएपीए जांच एजेंसियों के बीच अंतर नहीं करता है कि राज्य इसे अलग तरह से लागू करेगा और केंद्रीय एजेंसी इसे अलग तरह से इस्तेमाल करेगी।

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को चौथी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने अपने वकील इंदरपाल सिंह के माध्यम से दो पन्ने का पत्र ईडी दफ्तर को भेजा।

ईडी ने शुक्रवार को ही अनिल देशमुख और उनके पुत्र ऋषिकेश देशमुख को पूछताछ के लिए समन जारी कर दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में बुलाया था। लेकिन पिता-पुत्र दोनों ही अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे।

इससे पहले वे ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दावा दाखिल किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हालांकि ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले में देशमुख की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा संबंधी याचिका पर तीन अगस्त को अगली सुनवाई होने वाली है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस का पहला केस आने के बाद केन्द्र सरकार ने तीन सदस्यीय टीम रवाना की है। यह टीम राज्य सरकार के साथ मिलकर इस वायरस की रोकथाम के लिए स्थिति की निगरानी करेगी। इसके अतिरिक्त जमीनी स्तर पर राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा करेगी। गौरतलब है कि हालही में जीका वायरस के मामले केरल में भी पाए गए थे। केरल के बाद महाराष्ट्र में जीका के मरीज मिलने से सरकार अलर्ट है।

इस टीम में दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च के एक एंटोमोलॉजिस्ट शामिल हैं। यह टीम राज्य में वायरस की स्थिति की निगरानी करेंगे और आकलन करेंगे कि क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जीका प्रबंधन के लिए एक्शन प्लान को लागू किया जा रहा है।

बता दें, महाराष्ट्र में रविवार को जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला पुणे जिले में सामने आया था। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि संक्रमित पायी गई महिला मरीज पूरी तरह से ठीक हो गई है।

मुंबई: शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मुंबई अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लगे अडानी के साइन बोर्ड को तोड़ दिया और साथ ही मुंबई एयरपोर्ट पर अडानी एयरपोर्ट लिखे जाने का विरोध किया। मुंबई अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, शिवसेना का कहना है कि इस एयरपोर्ट को केवल शिवाजी महाराज के नाम से ही पहचाना जाना चाहिए, किसी और नाम से नहीं।

जुलाई महीने में ही अडानी समूह को मुंबई एयरपोर्ट का संचालन सौंपा गया है। शिवसेना की ओर से हुई तोड़फोड़ के बाद अडानी समूह की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अडानी एयरपोर्ट्स की ब्रांडिंग के अलावा हम यह बताना चाहते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ब्रांडिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टर्मिनल की स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। एयरपोर्ट में ब्रांडिंग एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुरूप ही है।

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