मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रविवार को एक बैठक हुई। पीएम आवास पर हुई यह बैठक करीब 50 मिनट चली है। इस मुलाकात के बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, एनसीपी ने इन अटकलों को विराम देते हुए कहा है कि इसकी जानकारी कांग्रेस और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पहले से थी। इस बैठक पर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'संघ का राष्ट्रवाद और एनसीपी का राष्ट्रवाद अलग है। दोनों नदी के दो छोर हैं, जो कभी नहीं मिल सकते।'
उन्होंने बताया, 'बैंकिंग रेगुलेटरी कानून बदलने से सहकारिता क्षेत्र को नुकसान हुआ है। ऐसा शरद पवार का मानना है। उसी संदर्भ में पहले उनकी प्रधानमंत्री से फोन पर बात हुई थी। उसी संदर्भ में आज दिल्ली में उन्होंने मुलाकात की। इसके अलावा कोरोना टीके की कमी पर भी चर्चा हुई।' देवेंद्र फडणवीस और शरद पवार की दिल्ली में किसी भी तरह की मुलाकात से भी उन्होंने इंकार किया। साथ ही उन्होंने कहा, 'शरद पवार की प्रधानमंत्री से जो मुलाकात हुई, उसकी जानकारी कांग्रेस और मुख्यमंत्री को थी।
उन्होंने कहा, कोई ये अचानक से मीटिंग नहीं हुई है। सहकारिता क्षेत्र में जो परेशानियां हैं, उसके लिए पहले से मीटिंग तय थी।
इसके अलावा नवाब मलिक ने कहा, 'कोई भी व्यक्ति कानून से बड़ा नहीं है। ना ही कोई एजेंसी कानून से बड़ी होती हैं। अदालत में लड़ाई लड़ी जाएगी। शरद पवार को ईडी का नोटिस दिया गया था, बाद में वापस ले लिया गया। किसी एजेंसी की कार्रवाई के खिलाफ प्रधानमंत्री से मुलाकात का विषय नहीं हो सकता।'