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मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि अपराधी के मन में हमेशा फंसने का डर रहता है। मीडिया रिर्पोटस में शुक्ला के हवाले से लिखा है, 'अपराधी के मन में हमेशा फंसने का डर रहता है। अगर कोई उसका पीछा कर रहा है, तो महाराष्ट्र में किसकी सरकार है? गृह मंत्रालय किसके पास है? इसे ट्विटर पर पोस्ट करने के बजाय, वह जांच के लिए गृह मंत्री या पुलिस आयुक्त से शिकायत क्यों नहीं कर सकते? इससे पता चलता है कि नवाब मलिक अब जानते हैं कि जिस तरह से हाई कोर्ट के आदेश पर अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, आने वाले दिनों में उनके पापों का घड़ा भी फूटने वाला है।'

मलिक ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की तरह कुछ लोग उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। एनसीपी नेता ने कहा था, 'जब मैं विदेश यात्रा पर था, कुछ लोगों ने एक कार में दो लोगों को तस्वीरें लेते हुए पकड़ा। यह पाया गया कि उनमें से एक अपने कू हैंडल पर मेरे खिलाफ लिख रहा है।

मुंबई: फोटो पत्रकार के साथ गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से तीन आरोपियों को राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने तीन दोषियों विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख और मोहम्मद अंसारी को राहत देते हुए मौत की सजा देने से इंकार कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि इन दोषियों द्वारा किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा जरूरी है।

महिला पत्रकार को बनाया था हवस का शिकार

दरअसल, महालक्ष्मी इलाके में सालों से बंद पड़ी यह मिल वीरान रहती है। उस दिन शाम के 6 बजे रहे थे। महिला पत्रकार और उसका साथी जब वहां पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें फोटो लेने से रोका। उन लोगों ने कहा कि पहले आप लोग हमारे अधिकारी से इजाजत लें तब फोटो लेना।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह आज (गुरुवार, 25 नवंबर) मुंबई के कांदिवली क्राइम ब्रांच के दफ्तर में जांच का सामना करने के लिए पेश हुए। सिंह अक्टूबर से ही फरार थे। कोर्ट द्वारा संपत्ति की जब्ती का आदेश दिए जाने के बाद परमबीर सिंह हाजिर हुए हैं।

दो दिन पहले ही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के मुंबई के दोनों घर के दरवाजों पर प्रोक्लाइमेड ऑफेंडर (घोषित अपराधी) का नोटिस चिपकाया था। मंगलवार (23 नवंबर) को चस्‍पा किए गए इस नोटिस में परमबीर सिंह को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या फिर अदालत के सामने हाजिर होने को कहा गया था।

इससे पहले परमबीर सिंह के वकील ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के देश छोड़कर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो देश मे ही हैं और उनकी जान को खतरा है इसलिए छुपे हुए हैं। परमबीर सिंह के वकील ने 48 घंटे के भीतर जांच में शामिल होने का दावा भी किया था।

मुंबई: क्रेडिट कार्ड में गड़बड़ी होने के कारण समय पर फीस न भर पाने वाले दलित समुदाय के एक छात्र को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने आज बॉम्बे आईआईटी को आदेश दिए कि वह अगले 48 घंटे में इस छात्र को दाखिला दे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दलित छात्र की सीट के लिए किसी दूसरे छात्र की सीट ना ली जाए, बल्कि उसके लिए अलग से सीट बनाई जाए। गौरतलब है कि क्रेडिट कार्ड के काम नहीं करने के कारण यह छात्र फीस नहीं जमा कर सका जिसके चलते उसे आईआईटी बॉम्बे में दाखिला नहीं मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को कभी-कभी कानून से ऊपर उठना चाहिए क्योंकि कौन जानता है कि आगे चलकर 10 साल बाद वह हमारे देश का नेता हो सकता है।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश वकील को निर्देश दिया था कि वह आईआईटी बंबई में दाखिले का ब्योरा हासिल करें और इस संभावना का पता लगाएं कि उस छात्र को कैसे प्रवेश मिल सकता है।

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