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मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड  में एक बार फिर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है।साल 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी  ने जेल से केंद्रीय जांच एजेंसी को एक पत्र लिखा है। पत्र में इंद्राणी ने दावा किया है कि शीना बोरा जिंदा है और सीबीआई को उसे ढूंढना चाहिए। मुखर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि शीना बोरा कश्मीर में जिंदा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व मीडिया कार्यकरी और शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को लिखी चिट्ठी में बताया है कि जेल में उसे मिली एक महिला कैदी ने बताया है कि शीना बोरा से वो कश्मीर में मिली थी। इंद्राणी ने सीबीआई से जांच की मांग की है। 

..तो रायगढ़ के जंगल में किसकी मिली थी लाश

वहीं, इंद्राणी के वकील ने इस पूरी मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। इंद्राणी के वकील का कहना है कि उन्होंने यह पत्र सीधा सीबाआई को लिखा है जिस कारण उन्हें पता नहीं कि इस पत्र में किन किन बातों का कैसे जिक्र किया गया है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि अब महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव में ओबीसी आरक्षण नहीं मिलेगा। ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें सामान्य सीटों में तब्दील कर दी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा बिना ज़रूरी आंकड़े जुटाए आरक्षण दिया गया। इन सीटों को भी सामान्य सीट मानते हुए चुनाव करवाया जाए। वहीं कोर्ट ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग तुरंत एक अधिसूचना जारी करे कि ओबीसी आरक्षण सीटों को सामान्य सीट माना जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि अपने 6 दिसंबर के आदेश में किसी तरह की तब्दीली से इंकार करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयोग अपनी पिछली अधिसूचना में बदलाव करते हुए हफ्ते भर में नई अधिसूचना जारी करे। उस अधिसूचना में पिछड़े वर्गों के लिए 27 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को रद्द करते हुए बाकी बची 73 फीसदी सीटें सामान्य श्रेणी के लिए रखे जाने की नई अधिसूचना एक हफ्ते में जारी करने का आदेश राज्य चुनाव आयोग को दिया है।

मुंबई: महाराष्‍ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ की वसूली के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के समक्ष आज निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने पूर्व गृहमंत्री या उनके स्टाफ से पैसे मांगने या वसूली का टारगेट दिए जाने से इंकार किया। यही नहीं, वाजे ने बार वालों से पैसे इकट्ठा करने से भी इंकार किया। आयोग में आज अनिल देशमुख के वकील गिरीश कुलकर्णी ने वाजे से पूछा था कि गृह मंत्रालय की तरफ से कभी पैसों की मांग की गई थी तो वाजे ने जवाब में कहा-नहीं।

सचिन वाजे से किए गए अन्‍य सवाल और उसके जवाब...
क्या कभी गृहमंत्री को पैसे देने का मौका आया था?
वाजे ने कहा-मेरी तरफ से नही।

क्या कभी गृहमंत्री अनिल देशमुख को पैसे दिए थे?
वाजे ने जवाब दिया-नहीं

नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित भाजपा के 12 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को झटका लगा है। कोर्ट ने स्पीकर के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की उनकी मांग नहीं मानी है। इससे निलंबित विधायक सदन के सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। कोर्ट ने नोटिस जारी कर विधानसभा सचिव को अपना पक्ष रखने को कहा है। कोर्ट ने विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने के मामले में विधानसभा सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

स्पीकर के आदेश पर रोक की मांग नामंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि याचिका का लंबित रहना याचिकाकर्ता के कार्यकाल में कटौती के संबंध में सदन से आग्रह करने के रास्ते में नहीं आएगा। यह एक ऐसा मामला है जिस पर सदन द्वारा विचार किया जा सकता है।

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