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मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है, जिसे लेकर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि "चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा। बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी।

चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि पिछले दिनों किसी ने चुनाव आयोग से शिवसेना के नाम और चिह्न को लेकर शिकायत की थी। जिसपर चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया और इसे पार्टी को बनाने वालों में से किसी और को शिवसेना और उसका चिह्न आवंटित कर दिया। यह राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला है। इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है।

नई दिल्ली: शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते, यह पार्टी के भीतर एक अनुबंधात्मक संबंध है। उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। उनसे दो हफ्ते में जवाब मांगा गया है। बैंक खाते और प्रापर्टी टेकओवर करने पर रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आदेश की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।

शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर तीन जजों की स्पेशल बेंच ने आज सुनवाई की। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। चुनाव आयोग ने फैसला देते हुए शिवसेना पार्टी की मान्यता और तीर कमान का चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दे दिया था।

मुंबई: शिवसेना के मुखपत्र कहे जाने वाले सामना में विपक्ष की एकता का पेच शीर्षक से संपादकीय लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि अगर सभी विपक्षी दल समय पर सतर्क नहीं हुए और एक साथ नहीं आए तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा। संपादकीय पर तंज कसते हुए भाजपा ने कहा है कि जो लोग अपने खून के रिश्तेदार, भाई, भाभी और परिवार को भी साथ में जोड़कर नहीं रख सके, वह चले हैं विपक्ष को एक करने के लिए।

सामना के संपादकीय में लिखा है कि देश के लोकतंत्र को वधस्तंभ की ओर धकेला जा रहा है। अगर सभी विपक्षी दल समय पर सतर्क नहीं हुए और एक साथ नहीं आए तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा, ऐसी चेतावनी शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दी है। इस पृष्ठभूमि पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कांग्रेस से की गई अपील महत्वपूर्ण है। कांग्रेस को विपक्ष की एकता के लिए पहल करनी चाहिए। यह एकता सही तरीके से हुई तो भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में ‘100' पर ही ‘ऑल आउट' कर देंगे, ऐसा विश्वास नीतीश कुमार ने व्यक्त किया है।

नई दिल्‍ली: उद्धव ठाकरे शिवसेना चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका पर बुधवार 3.30 बजे सुनवाई होगी। उद्धव ठाकरे की ओर से कपिल सिब्बल ने याचिका पर बुधवार को ही सुनवाई की मांग की। उन्‍होंने कहा कि अगर कोई संरक्षण आदेश पारित नहीं किया गया, तो बैंक खाते समेत टेक ओवर हो जाएंगे। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बुधवार शाम 3.30 बजे इस मामले पर सुनवाई करेंगे।

उद्धव ठाकरे गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही है। चुनाव आयोग का कार्य व्यवहार उसके संवैधानिक कद के अनुरूप नहीं रहा। आयोग ने अयोग्यता की कार्रवाई का सामना कर रहे विधायकों की दलीलों के आधार पर फैसला लेकर गलती की है। पार्टी में टूट की बात के सबूत की गैरमौजूदगी में आयोग का फैसला त्रुटिपूर्ण है। उद्धव गुट चुनाव आयोग के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहा है।

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