नई दिल्ली: शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश पर रोक नहीं लगा सकते, यह पार्टी के भीतर एक अनुबंधात्मक संबंध है। उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। उनसे दो हफ्ते में जवाब मांगा गया है। बैंक खाते और प्रापर्टी टेकओवर करने पर रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आदेश की कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर तीन जजों की स्पेशल बेंच ने आज सुनवाई की। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। चुनाव आयोग ने फैसला देते हुए शिवसेना पार्टी की मान्यता और तीर कमान का चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दे दिया था।
एकनाथ शिंदे गुट ने याचिका पर सवाल उठाया। नीरज किशन कौल ने कहा कि ये मामला हाईकोर्ट जाने का है, ये लोग पहले भी दो बार हाईकोर्ट गए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है, लेकिन हाईकोर्ट के पास ही जाना चाहिए। कौल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कार्रवाई करने को हरी झंडी दी थी। चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई थी।