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मुंबई: महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह दे दिया। इसके एक दिन बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर तेज हमला किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, "चुनाव आयोग, पीएम (नरेंद्र) मोदी का गुलाम है। उसने कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं हुआ।"

उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से धैर्य रखने और अगले चुनावों की तैयारी करने का आग्रह किया। गौरतलब है कि मुंबई के नगरीय निकाय बीएमसी के चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। उद्धव ठाकरे ने एक बड़ी भीड़ को संबोधित किया। ठाकरे परिवार के घर मातोश्री के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने शक्ति प्रदर्शन किया।

उद्धव ठाकरे अपनी कार का सनरूफ खोलकर बाहर खड़े हो गए। इस तरीके से लोगों को संबोधित करके उन्होंने अपने पिता बाल ठाकरे की परंपरा निभाई। बाल ठाकरे पार्टी के शुरुआती दिनों में अपनी कार की छत से अनुयायियों को संबोधित करते थे।

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘तीर-कमान' का चिह्न खोने से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चिह्न को स्वीकार कर लेगी। पवार की पार्टी ठाकरे वाली शिवसेना की सहयोगी है।

शरद पवार ने याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1978 में एक नया चिह्न चुना था, लेकिन उससे पार्टी को नुकसान नहीं उठाना पड़ा था।

पवार ने एकनाथ शिंदे वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे मूल चिह्न ‘तीर-कमान' आवंटित करने के निर्वाचन आयोग (ईसी) के निर्णय पर यह प्रतिक्रिया दी।

राकांपा प्रमुख ने ठाकरे समूह को सलाह दी, “जब कोई फैसला आ जाता है, तो चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसे स्वीकार करें, नया चिह्न लें। इससे (पुराना चिह्न खोने से) कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”

इस बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘‘अप्रत्याशित'' करार दिया।

मुंबई: हम सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही।

'पूंजीपति विधायकों को खरीदकर बन सकता है मुख्यमंत्री'

उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। मैंने अनुरोध किया था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अपना फैसला नहीं देना चाहिए। यदि पार्टी का वजूद विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर तय होता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद को खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है।

इसी बीच उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि हम निश्चिततौर पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायक सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाएंगे।

नई दिल्ली: एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के बीच शिवसेना पर अधिकार को लेकर चल रही खींचतान के बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बड़ा आदेश दिया है। आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और "धनुष और तीर" चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आदेश दिया। उद्वव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

संगठन के नियंत्रण के लिए लंबी लड़ाई पर 78 पन्नों के आदेश में, आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक "धधकती मशाल" चुनाव चिन्ह रखने की अनुमति दी। आयोग ने कहा कि एकनाथ शिंदे को समर्थन देने वाले विधायकों को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में लगभग 76 प्रतिशत वोट मिले। तीन सदस्यीय आयोग ने एक सर्वसम्मत आदेश में कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को विजयी शिवसेना उम्मीदवारों के पक्ष में 23.5 प्रतिशत वोट मिले।

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