ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में पिछले दिनों खींचतान का जो दौर शुरू हुआ। वो अब तक खत्म होता नहीं दिख रहा है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना के तौर पर मान्यता देते हुए पार्टी का चुनाव निशान ‘धनुष बाण’ को भी उसे आवंटित कर दिया था। यह फैसला ठाकरे के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि उनके पिता बाल ठाकरे ने वर्ष 1966 में इस पार्टी की स्थापना की थी।

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना' नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान' आवंटित किया था. अब इस मसले पर महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर से गर्मा चुकी है।

नाम-निशान पर चुनाव आयोग के फ़ैसले के बाद से महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा है। ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फ़ैसले पर सवाल उठा रहा है। नाम-निशान बचाने की आख़िरी कोशिश में उद्धव गुट आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12.30 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में ठाकरे गुट के सभी विधायकों और नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

चुनाव आयोग के फ़ैसले के बाद बीजेपी और उद्धव गुट के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष' को ‘‘खरीदने'' के लिए ‘‘2000 करोड़ रुपये का सौदा'' हुआ है।

महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुंगतिवार ने यह कहते हुए राउत पर पलटवार किया कि उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन अयोग जैसे स्वतंत्र संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश के तहत ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं।

एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाख़िल कर दिया है। इसके ज़रिए अपील की गई है कि अगर उद्धव गुट चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती देता है तो कोर्ट एकपक्षीय सुनवाई कर कोई आदेश पारित न करे और शिंदे गुट का पक्ष भी सुना जाए।

गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिलने पर कहा कि चुनाव आयोग के फ़ैसले ने सत्यमेय जयते को चरितार्थ किया है। इसी के साथ उद्धव पर निशाना साधते हुए बोले कि धोखा देने वालों को बख़्शेंगे नहीं।

शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था। इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था।

बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था। जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सभी 48 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख