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नई दिल्ली: शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट फिलहाल नबाम रेबिया फैसले की समीक्षा नहीं करेगा। कोर्ट ने 2016 के पांच जजों के संविधान पीठ के फैसले को सात जजों के पास भेजने से इंकार कर दिया। इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है। नबाम रेबिया में अरुणाचल प्रदेश मामले में दिए फैसले में कहा गया था कि स्पीकर तब तक किसी विधायक के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई शुरू नहीं कर सकता, जब खुद उसके खिलाफ पद से हटाए जाने की अर्जी लंबित हो।

सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मुकेश आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने ये फैसला सुनाया। संविधान पीठ को ये तय करना था कि 2016 में संविधान पीठ के नेबाम रेबिया के फैसले को समीक्षा के लिए 7 जजों की बेंच में भेजा जाए या नहीं। गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को भेजे जाने पर फैसला सुरक्षित रखा था।

मुंबई: टीम इंडिया के क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर मुंबई में हमले की खबर है। पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, सेल्फी लेने से इंकार करने पर कुछ फैंस भड़क गए और क्रिकेटर की कार पर हमला कर दिया। घटना बुधवार शाम करीब 4 बजे की है। इस दौरान पृथ्वी शॉ अपने दोस्त के साथ कार में बैठे थे। तभी कुछ लोग वहां आए और उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कहा। पृथ्वी के मना करने पर उनकी कार पर बेसबॉल बैट से हमला कर दिया। फैंस ने क्रिकेटर की कार की विंडशिल्ड तोड़ दी और 50 हजार रुपये की डिमांड भी की।

ओशिवारा पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 2 नामजद और 6 अज्ञात हैं। शिकायत में जिन लोगों का नाम है- जिनमें से दो की पहचान शोभित ठाकुर और सना ऊर्फ सपना गिल के रूप में हुई है। दोनों ने आरोपों को खारिज किया है और पृथ्वी शॉ पर पहले हमला करने का आरोप लगाया है।

इस मामले में आरोपी सना उर्फ ​​सपना गिल के वकील अली काशिफ खान का कहना है कि मारपीट सपना ने नहीं, बल्कि पृथ्वी शॉ ने की थी। झगड़े के वीडियो में भी देखा जा सकता है कि डंडा पृथ्वी के हाथ में है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बीते साल शिवसेना के बंटवारे के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इन याचिकाओं को 2016 के नबाम-रेबिया फैसले पर पुनर्विचार के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाएगा या नहीं, इस पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

नबाम-रेबिया का फैसला याचिकाओं से निपटने के लिए विधानसभा अध्यक्षों की शक्तियों से संबंधित है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुटों की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, "दोनों पक्षों के वकीलों को सुना। मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने के लिए नबाम रेबिया केस हवाला दिया जाए, इसको लेकर सुनवाई हुई। आदेश सुरक्षित रख लिया गया है।"

शिवसेना (उद्धव गुट) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले को सात सदस्यीय बेंच को सौंपने की मांग की है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शिवसेना (शिवसेना बनाम शिवसेना) में दरार से संबंधित मामले की बुधवार को सुनवाई की। महाराष्ट्र विधानसभा में जारी राजनीतिक और संवैधानिक संकट पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि ये बहुत पेचीदा संवैधानिक मसला है, जिसका हमें फैसला करना है। पीठ के सामने मसला यह है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का 2016 में नबाम रेबिया मामले में दिया गया निर्णय सही था या नहीं। अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया बनाम डिप्टी स्पीकर मामले में दिए फैसले में कहा गया था कि स्पीकर तब किसी विधायक के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई शुरू नहीं कर सकता, जब खुद उसके खिलाफ उसे ही हटाए जाने की अर्जी लंबित हो।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नबाम रेबिया के संबंध में दोनों विचारों के गंभीर परिणाम हैं। इसलिए यह निर्णय लेने के लिए एक कठिन प्रश्न है।

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