मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच जारी विवाद में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है, जिसे लेकर शरद पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि "चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा। बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी।
चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि पिछले दिनों किसी ने चुनाव आयोग से शिवसेना के नाम और चिह्न को लेकर शिकायत की थी। जिसपर चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया और इसे पार्टी को बनाने वालों में से किसी और को शिवसेना और उसका चिह्न आवंटित कर दिया। यह राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला है। इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है।
उन्होंने कहा, आज देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो संस्था काम कर रही है, वह सोचती है कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी।
विवाद से पवार ने बनाई थी दूरी
आपको बता दें, शरद पवार ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने और पार्टी के लिए नए चुनाव चिह्न पर सहमती जाहिर करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, एक बार फैसला (चुनाव आयोग द्वारा) दिए जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है। पुराने चुनाव चिह्न को खोने का कोई खास असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार कर लेंगे। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह इस विवाद में और नहीं फंसना चाहते हैं। जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले से दूरी बना ली थी।
15 दिनों बाद फिर होगी सुनवाई
बुधवार को मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को राहत देते हुए कहा है कि हुए शिवसेना का नाम और उसका चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे के खेमे के पास रहेगा और उद्धव ठाकरे के पास "मशाल" का प्रतीक रहेगा। पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते के बाद सुनवाई होगी।