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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: एनआईए की विशेष अदालत ने वर्ष 2008 के मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने मंगलवार को सातों आरोपियों के खिलाफ आतंकी साजिश, हत्या और अन्य संबंधित अपराधों के आरोप तय किए। केस की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी। इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने विस्फोट के मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

महाराष्ट्र के नासिक जिले में मालेगांव के एक मस्जिद के नजदीक 29 सितंबर 2008 को एक मोटरसाइकिल में बंधे एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट के कारण छह लोग मारे गये थे और करीब 100 लोग घायल हो गये थे। पुरोहित के अलावा मामले में अन्य आरोपियों में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं।

पुणे: पुणे के सेशन कोर्ट से भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोप राहत नहीं मिल पाई है। सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी वर्नन गोंजाल्विस, अरूण फरेरा और सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। उधर, बचाव पक्ष की तरफ से एक आवेदन दायर कर पुणे सेशन कोर्ट से वर्नन गुंजाल्विस, अरूण फरेरा की नजरबंदी को सात दिन के लिए बढ़ाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन तीनों ही आरोपियों की नजरबंदी की अवधि आज खत्म हो रही है।

29 अगस्त को किया गया नजरबंद

पांचों कार्यकर्ता वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा 29 अगस्त से अपने-अपने घरों में नजरबंद किया गया। पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ के सम्मेलन के बाद राज्य के भीमा- कोरेगांव में हिंसा की घटना के बाद दर्ज एक एफआईआर के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने इन्हें 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

मुंबई/इंदौर: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। उन्होंने सौदे में किसी भी तरह की सांठगांठ से इनकार करते हुए यहां कहा कि खरीद शुरू होने पर ही ऑफसेट साझेदारों के बारे में पता चलेगा। सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि दसॉल्ट और दो या तीन कंपनियां राफेल की आपूर्ति में शामिल हो रही हैं। इसलिए उन सभी को ऑफसेट की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा।

सीतारमण ने कहा कि आपूर्ति में शामिल प्रत्येक कंपनी के भारत में ऑफसेट साझेदार होंगे। उन्होंने कहा कि ऑफसेट साझेदारों का विवरण तब मिलेगा जब वे इस ब्योरे के बिल के साथ मुझसे संपर्क करेंगे कि किस तरह की सेवा मिल रही है, चाहे वह उपकरण के रूप में हो या निवेश के रूप में। सीतारमण ने कहा कि राफेल विमानों की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने गुरूवार को उच्चतम न्यायालय में बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें कोरेगांव भीमा हिंसा की जांच पूरी करने की अवधि बढ़ाने के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार की इस अपील पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय ने बुधवार को निचली अदालत के उस फैसले को निरस्त कर दिया था जिसमें महाराष्ट्र पुलिस को हिंसा के इस मामले में जांच पूरी करने और आरोप-पत्र दायर करने के लिए ज्यादा समय दिया गया था। कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में कई जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील निशांत कटनेश्वर की इस दलील पर विचार किया कि अपील पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है। निशांत ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो हिंसा के मामले के आरोपियों के खिलाफ निर्धारित अवधि में आरोप-पत्र दायर नहीं होने के कारण उन्हें वैधानिक जमानत मिल जाएगी।

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