नई दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बुधवार शाम को बैठक होगी। यह बैठक मंगलवार को होनी तय थी, पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन की वजह से स्थगित हो गई। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठक में पार्टी नेता एके एंटनी, अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खडगे संग मौजूद थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन एक बड़ा निर्णय है। इसलिए, गठबंधन से पहले सभी मुद्दों पर सहमति बनाना जरूरी है।
कांग्रेस और शिवसेना के बीच कई मुद्दों पर अलग राय है। इनमें सावरकर को भारत रत्न की मांग, नागरिकता संशोधन कानून शामिल हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि सभी विषय न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल हों। इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलकर चर्चा की है।
शिवसेना ने विधायकों की बैठक बुलाई
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के रुख को देखते हुए शिवसेना ने 22 नवंबर को अपने सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। शिवसेना के एक नेता ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक को संबोधित करेंगे, जिसमें राज्य में सरकार गठन को लेकर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। राउत बोले, पवार को समझने में सौ जन्म लेना होगा: शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार (19 नवंबर) को कहा कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार क्या कहते हैं, इसे समझने के लिए सौ बार जन्म लेना पड़ेगा।
पत्रकारों के सवाल पर राउत ने कहा, दिसंबर की शुरुआत में शिवसेना नीत गठबंधन सरकार महाराष्ट्र की सत्ता में होगी। प्रधानमंत्री के एनसीपी प्रमुख की तारीफ करने पर राउत ने कहा कि क्या गलत है अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार की तारीफ कर दी? भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता ने कहा, वह सेना थी, जिसने महाराष्ट्र में भाजपा को खड़ा किया, उसे सीट दी और हमेशा अपने साथ रखा और अब भाजपा ने संसद में शिवसेना के सांसदों के सीटिंग अरेंजमेंट को बदल दिया है।
भाजपा को लेकर शिवसेना के तेवर अभी भी तल्ख
शिवसेना ने एनडीए से हटाये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। सामना में लेख में कहा गया कि क्या इससे पहले कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिस एनडीए से शिवसेना को निकाला है उसकी स्थापना में बाला साहेब, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी आदि का विशेष योगदान है।
हठी रवैये के कारण अभी तक सरकार नहीं: भाजपा
भाजपा सांसद गिरीश भालचंद्र बापट ने कहा कि शिवसेना परिवार के हठी रवैये के कारण ही राज्य में अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना तर्कसंगत नहीं था। शिवसेना कांग्रेस तथा एनसीपी से सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रही है जो किसी भी सूरत में संभव नहीं दिखता।