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मुंबई/अहमदाबाद: निसर्ग चक्रवात के बुधवार (3 जून) को तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से जूझ रहे दोनों पश्चिमी राज्यों ने चक्रवात से मुकाबले के लिए कमर कस ली है जो बुधवार (3 जून) को मुंबई के पास तट से टकराने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के “गंभीर चक्रवाती तूफान” का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार (3 जून) दोपहर को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा। मुंबई के मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के एस होसलिकर ने ट्वीट कर बताया कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
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नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना वायरस संकट के बीच एक और चक्रवात महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय जिलों में दस्तक देने को तैयार है। बंगाल और उड़ीसा में पिछले दिनों सुपर साइक्लोन अम्फान के तबाही मचाने के बाद चक्रवात निसर्ग पश्चिमी तट पर अरब सागर के ऊपर बनना शुरू हो गया है और महाराष्ट्र व गुजरात के कुछ हिस्सों से टकरा सकता है। मौसम विभाग ने उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तट के लिए एक 'येलो' चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने आगाह किया कि चक्रवाती तूफान निसर्ग मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय जिलों को गुजरात और अन्य पड़ोसी राज्यों से अधिक प्रभावित करेगा।
आईएमडी ने कहा है कि अरब सागर में डिप्रेशन तीव्र होकर एक गंभीर चक्रवाती तूफान निसर्ग में परिवर्तित होने वाला है और तीन जून को रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात तटों को पार करेगा। एनडीआरएफ ने गुजरात में पहले ही 13 टीमें तैनात कर दी है, जिनमें से दो टीमों को रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र में 16 टीमें तैनात की गई हैं, जिनमें से सात टीमों को रिजर्व रखा गया है। जबकि एक-एक टीम दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली में तैनात की गई है।
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को राज्य में कोविड-19 के मामले 70 हजार के आंकड़े को पार कर गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को कोरोना वायरस के 2361 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ राज्य में कुल मरीजों की संख्या 70013 पहुंच गई है। सोमवार को 76 मौत के साथ राज्य में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 2362 पहुंच गया है। वहीं, मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 40 लोगों की जान गई है और 1413 नए मामले सामने आए हैं। ग्रेटर मुंबई नगर निगम ने बताया कि मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 40877 पहुंच गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना केस मुंबई में मिले हैं। मुंबई में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक धारावी में मई महीने के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के करीब 1,400 नए मामले सामने आए हैं। यह संख्या अप्रैल के मुकाबले 380 प्रतिशत अधिक है जिससे यहां के लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, बीएमसी ने दावा किया कि स्थिति सुधरी है और संक्रमण फैलने की दर नियंत्रण में है।
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मुंबई: राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सक्षम' नेता हैं, लेकिन 2016 की नोटबंदी और लॉकडाउन के दौरान जिन्होंने नाहक प्राण गंवाए उन्हें कैसे जीवित किया जाएगा? शिवसेना ने कहा कि गलत तरीके से किया गया लॉकडाउन और प्रवासी श्रमिकों के मामले 1947 की आजादी के दौरान शरणार्थियों की याद दिलाते हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय में कहा है, 'मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, ये देश का भाग्य है। वह देश और यहां के मुद्दों को समझते हैं। वह सक्षम नेता हैं और कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो उनके सामने टिक सके।'
इसमें कहा गया है कि मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर कुछ अच्छे फैसले किए हैं, लेकिन 60 साल में जिस तरह कुछ गलतियां हुई, उसी तरह (राजग सरकार के) छह साल में भी गलतियां हुई। महाराष्ट्र में शिवेसना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। सामना में कहा गया, 'जिस तरीके से देश में लॉकडाउन लागू किया गया और गरीब प्रवासी मजदूरों को दिक्कतें हुई, उससे आजादी के समय की याद आ गई।' शिवसेना ने पूछा, 'इन गलतियों को कौन ठीक करेगा?
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