मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत के बाद 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह होगा। वहीं महायुति में मुख्यमंत्री कौन होगा को लेकर घमासान मचा हुआ है। हालांकि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे कह चुके हैं कि इसका फैसला बीजेपी करेगा, फिर भी अटकलें थमतीं नहीं दिख रहीं। जिस तरह से वो अपने गांव चले गए, फिर बैठकें रद्द हो रही हैं, उससे इन अटकलों को भी हवा मिल रही है कि वो नाराज चल रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत पर पैनी नजर रखने वाले इसे शिंदे का सियासी दांव बता रहे हैं और उनके मुताबिक, कुछ मंत्रालयों को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच बात नहीं बन पा रही है। महाराष्ट्र में सीएम की कुर्सी तो बीजेपी के पास रहेगी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे, ये तय माना जा रहा है। लेकिन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे कि नहीं इसको लेकर सस्पेंस लगातार बना हुआ है।
दरअसल, मीडिया में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी और शिवसेना के बीच तनातनी की वजह गृह मंत्रालय है। एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि उनके पास गृह मंत्रालय रहे।
इससे पहले शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि आज यानि कि सोमवार (02 दिसंबर, 2024) को महायुति की बैठक होगी, जिसमें मंत्रालयों का बंटवारा कर लिया जाएगा, लेकिन वो बैठक आज नहीं हो पाई। एनसीपी के मुखिया अजित पवार दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
एकनाथ शिंदे भले ही ढाई सालों तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हों, लेकिन गृह विभाग उनके पास नहीं रहा। जब महायुति की सरकार बनी थी तब भी होम मिनिस्ट्री देवेंद्र फडणवीस के पास थी। उस समय शिंदे दखलंदाजी नहीं कर पाए। उससे पहले जब शिवसेना के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी थी, तब भी अंदाजा लगाया गया था कि गृह मंत्रालय शिवसेना के पास रहेगा और शिंदे गृह मंत्री होंगे लेकिन उस वक्त एनसीपी के खाते में गृह विभाग चला गया था।
गृह मंत्री क्यों बनना चाहते हैं एकनाथ शिंदे?
महाराष्ट्र में गृह विभाग जिसके पास होता है, उसे राज्य के मुख्यमंत्री के बाद दूसरा सबसे पावरफुल मिनिस्टर माना जाता है। ऐसे में जब शिंदे सीएम का पद बीजेपी के लिए छोड़ रहे हैं तो गृह विभाग को लेकर क्लेश मचा हुआ है। वहीं सूत्रों की अगर मानें तो बीजेपी गृह विभाग और सीएम पद दोनों ही अपने पास रखना चाहती है और किसी भी सूरत में किसी अन्य को ये विभाग नहीं देना चाहती।